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प्रीत सूजी

जालंधर। जालंधर देहात के कस्बा फिल्लौर के गांव भागसिंह पुरा में धार्मिक स्थल के पुजारी पर हुई फायरिंग के मामले में जालंधर देहात पुलिस उलझी हुई है। शुरूआती जांच में पुलिस इस मामले को प्रोप्रटी, निजी रंजिश को लेकर चल रही थी, लेकिन दिन ढलते ही इस घटना को लेकर एक और बड़ा ऐंगल जुड़ गया है। ऐंगल भी जुड़ा है कि इस केस की जांच में सिर्फ जालंधर देहात ही नहीं बल्कि पंजाब पुलिस से लेकर नैशनल इनवेस्टीगेशन एजैंसी (NIA) तक इस केस की जांच में जुट सकती है।
बता दें कि रविवार की सुबह फिल्लौर के गांव भागसिंह पुरा में धार्मिक स्थल के पुजारी संत ज्ञान मुनी पर मंदिर में घुसकर फायरिंग कर दी गई। जब्रदस्त फायरिंग में पुजारी संत ज्ञान मुनी तथा उनके बचाव में आई महिला सिमरण घायल हो गई। दोनो के गोलियां लगी। दोनो को तुरंत डी.एम.सी. दाखिल करवाया गया।
दिन दिहाड़े हुई सनसनीखेज फायरिंग की वारदात के बाद जालंधर देहात पुलिस हरकत में आई। जालंधर देहात के एस.एस.पी. संदीप गर्ग, एस.पी. इनवेस्टीगेशन मनप्रीत सिंह ढिल्लों सहित पुलिस अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची।
शुरूआती जांच में तथ्य सामने आए कि हमलावरों किसी बड़ी सुनियोजित साजिश के तहत हमला किया। हमलावरों ने एक के बाद एक 12 के करीब फायर किए। जिसमें से 3 गोलियां पुजारी संत ज्ञान मुनी के लगी और दो गोलियां वहां मौजूद लड़की सिमरन के बाजू में लगी।
सनसनीखेज वारदात के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। सूत्रों ने बताया कि पुलिस अधिकारी पहले इस वारदात को प्रोपर्टी और रंजिश के ऐंगल से देख रहे थे। लेकिन दिन ढलते ही इस मामले में एक और बड़ा ऐंगल जुड़ गया। सूत्रों ने बताया कि इस मामले को लेकर इसी गांव के रहने वाले खालिस्तानी आतंकी हरप्रीत सिंह निज्जर का नाम सामने आया है।
हरप्रीत सिंह निज्जर का नाम सामने आते ही जालंधर देहात ही नहीं बल्कि पंजाब पुलिस की भौहें तन गई है। हालांकि पुलिस अधिकारी इस बात पर ज्यादा बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन कहीं न कहीं पुलिस अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि धार्मिक स्थल के पुजारी पर फायरिंग की वारदात राज्य की शांति भंग करने के लिए की जा रही बड़ी साजिशों का हिस्सा तो नहीं। फिलहाल इस मामले में जालंधर देहात के पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने इस बड़ी साजिश का जिक्र फायरिंग की घटना को लेकर दर्ज की गई एफ.आई.आर. में भी किया है।

ये भी है जांच का ऐंगल

सूत्रों ने बताया कि घटना का शिकार हुए इस प्रमुख द्वारा कुछ साल पहले किसी और जगह पर धार्मिक डेरा बनाया गया था, लेकिन किन्ही कारणों के कारण बाद में धार्मिक स्थल की जगह बदल दी गई। पिछले करीब 3 साल से अब ये इसी जगह पर धार्मिक स्थल बना हुआ था। पुलिस इस मामले में इसके अतिरिक्त निजी रंजिश तथा कई अन्य विषयों को लेकर भी गहराई से जांच कर रही है।

7.62 वैपन से चली गोलियां

सूत्रों ने बताया कि घटनास्थल पर आए बाईक सवार दो लोगों द्वारा एक के बाद 10 से ज्यादा फायर किए गए। सूत्रों के मुताबिक ये गोलियां 7.62 वैपन की बताई गई है। जोकि प्रोफैशनल वैपन माना जाता है। वारदात में प्रोफैशनल वैपन का इस्तेमाल होना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है। क्योंकि सूत्रों का मानना है कि अगर ये वारदात किसी निजी रंजिश का परिणाम होती तो इसमें देसी वैपन प्रयोग होने थे।
इस वारदात में प्रोफैशनल वैपन यूज़ हुए हैं, जो कि किसी बड़ी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है। फिलहाल इस मामले में अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। घटना को अनुभवी और वरिष्ठ अधिकारी एस.पी. मनप्रीत सिंह ढिल्लों द्वारा बारीकी से जांचा जा रहा है।

गुरपतवंत सिंह पन्नू का राइट हैंड है हरप्रीत सिंह निज्जर

जिस हरप्रीत सिंह निज्जर का नाम सामने आने पर गांव भागसिंह पुरा में हुई वारदात को किसी बड़ी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है दरअसल में वे निज्जर कौन है। सूत्रों ने बताया कि खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ हरप्रीत सिंह निज्जर इसी गांव भागसिंह पुरा का रहने वाला है तथा आतंकी लहर को बढ़ावा दे रहे गुरपतवंत सिंह पन्नू का राईट हैंड़ बताया गया है। पिछले समय में हरप्रीत सिंह निज्जर की इसी गांव में स्थित प्रोप्रटी एन.आई.ए. ने ज़ब्त की थी।

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