Prabhat Times
चंडीगढ़। पंजाब सरकार द्वारा प्राईवेट स्कूलों (Private School) को सिर्फ एन. सी. ई. आर. टी. (NCERT) किताबें पढ़ाने के जारी किए गए फरमान को करारा झटका लगा है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार के इस फैसले को स्टे दे दिया है।
बता दें कि बीते माह शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के सभी प्राईवेट स्कूलों को निर्देश जारी किए गए थे कि सभी स्कूलों बच्चों को सिर्फ और सिर्फ एन.सी.ई.आर.टी. किताबें ही पढ़ाई जाएं। अगर कोई स्कूल इन आदेशों का पालन नहीं करता तो उस स्कूल की मान्यता रद्द की जा जाएगी।
सरकार के इस आदेश पर खासा बवाल हुआ। प्रभात टाइम्ज़ द्वारा इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया। क्योंकि एन.सी.ई.आर.टी. की जो किताबें या सिलेबस बच्चों को पढ़ाने के लिए विभाग ने आदेश जारी किए हैं, दरअसल में वे एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा प्रकाशित विभिन्न सब्जैक्ट की अधिकांश बुक्स आऊटडेटिड हैं। कई सब्जैक्ट की बुक्स साल 2006, 2007 सालों में पहला एडीशन पब्लिश किया गया। इसके पश्चात ये बुक्स हर साल अब तक सिर्फ रि-प्रिंट ही हुए हैं।
पहले से ही कोरोना कॉल में परेशानी झेल रहे प्राईवेट स्कूलों को जारी हुए सरकारी फरमान से असहज महसूस कर रहे थे। पता चला है कि बीते समय में ये मामला अदालत में पहुंचा। जहां यही तर्क रखा गया कि एन.सी.ई.आर.टी. किताबें आऊडेटिड हैं और साथ ही आर्डर भी समय पर नहीं होता। जिस कारण स्कूल प्रबंधकों व छात्रो को परेशानी होती है।
इस मामले की सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार के इस फैसले पर स्टे कर दिया है। जिससे प्राईवेट स्कूल काफी राहत महसूस कर रहे हैं।

23 मार्च को प्रभात टाइम्ज़ में प्रकाशित खबर

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