Prabhat Times
जालंधर। वैसे ही शहर व आसपास अवैध कालोनियों (Illegal Colony) की भरमार लगी हुई है। इस अवैध कारोबार को लेकर रोजाना खुलासे हो रहे हैं, लेकिन सरकार को सरेआम लाखों करोड़ों का चूना लगाने वाले इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए संबंधित विभाग पुडा और नगर निगम बिल्कुल आंखे मूंदे हुए है। इन विभागों के अधिकारियों की नज़रों के सामने सरकार को रोजाना रैविन्यू लॉस हो रहा है, लेकिन पता नहीं क्यों ये चुप हैं। इसी बीच खबर आई है कि विभागों की चुप्पी का फायदा लेते हुए जालंधर से सटे जमशेर, होशियारपुर रोड़ पर स्थित गांव शेखे तथा इसी मार्ग पर शालीमार गार्डन के निकट अवैध कालोनियां कट चुकी हैं।
बता दें कि शहर व आसपास के ईलाको में अवैध कालोनियों की भरमार लगी हुई है। एक कालोनी कटती है और साथ ही उसकी एक्सटेंशन शुरू हो जाती है। सबसे हैरानीजनक तथ्य ये है कि ये सारा काम रात के अंधेरे में नहीं बल्कि दिन के उजाले में सरेआम होता है। पिछले समय में कटी अवैध कालोनियों पर कार्रवाई अभी विचाराधीन है, लेकिन इसी बीच खबर है कि गांव जमशेर में पैट्रोल पंप के निकट एक खेत में अवैध कालोनी तैयार हो रही है। बताया जा रहा है कि इस छोटी से अवैध कालोनी को जालंधर के ही एक पुराने कोलोनाईज़र साहिब काट रहे हैं। कालोनी में सड़कें बनाने के काम शुरू हो चुका है और इसके साथ ही आसपास के डीलरों से भी बात करे प्लाट के रेट निकाले गए हैं।
उधर, जालंधर के रामा मंडी चौक से जंडू सिंघा चौक के बीच गांव शेखें और शालीमार गार्डन के निकट भी अवैध कालोनियां सरेआम और धड़ल्ले से कटी हैं। इन कालोनियों को भी शहर को कंकरीट में बदलने में अहम भूमिका निभाने वाले बस्तीयात के कोलोनाईज़र का हाथ बताया जा रहा है।

अवैध कालोनियों को लेकर नगर निगम में मचा है घमासान

बता दें कि जालंधर कैंट मे कटी 18 अवैध कालोनियों को लेकर इस समय नगर निगम में घमासान मचा हुआ है। पार्षद और अधिकारी आमने सामने हैं। पार्षदों की कमेटी द्वारा निगम अधिकारियों से फाईलें मांगी जा रही है, लेकिन अधिकारी इस मामले को लटकाते नज़र आ रहे हैं। यहां तक कि अब तो एडहॉक कमेटी द्वारा फाईलें लेने के लिए धरना देने तक की चेतावनी दे दी गई है। इस तथ्य से ये स्पष्ट है कि सरकार को हर साल करोड़ों का रैविन्यू लॉस देने वाली अवैध कालोनियों के इस मामले में काफी हद तक नगर निगम और पुडा अधिकारी जिम्मेदार हैं।

तनख्वाह सरकार से फायदा कोलोनाईज़रों को!

दिन के उजाले में सरेआम हो रही इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए शहर में नगर निगम तथा शहर की हद के बाहर पुडा विभाग बना हुआ है। इन विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों का काम सिर्फ नियमों को अनदेखा कर होने वाली प्लाटिंग, कंस्ट्रक्शन को रोकना है। इस काम के लिए सरकार इन दोनो विभागों को लाखों रूपए तनख्वाह देती है। ये अधिकारी तनख्वाह तो सरकार से लेते हैं, लेकिन निजि हितों की खातिर फायदा कोलोनाईज़रों को देते हैं।

ये भी पढ़ें