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भुज/चंडीगढ़। (Important revelations in Sidhu Musewala murder case) पंजाब में हुए सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड की जांच का दायरा दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, यू.पी. समेत कई राज्यों तक फैल चुका है।
पंजाब, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र में सिद्धू मुसेवाला हत्याकांड से जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारियां हुई है। हर आरोपी से पूछताछ में कई सनसनीखेज तथ्यों का खुलासा हो रहा है।
जिस प्रकार योजनाबद्ध तरीके से हत्याकांड को अंजाम दिया गया उससे जांच एजैंसियां भी परेशान है।
हत्याकांड में कई राज्यों के अपराधियों की भूमिका सामने आने पर जांच एन.आई.ए. द्वारा की जा सकती है।

पूर्व अकाली मंत्री के भतीजे ने दी गैंगस्टरों को पनाह!

उधर, पंजाब में सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में शूटरों को हथियार सप्लाई करने के आरोप में पकड़े गए सतबीर सिंह ने कई अहम खुलासे किए हैं।
खुलासा हुआ है कि शूटरों के रहने क अरेंजमैंट अकाली मंत्री के भतीजे संदीप काहलों ने करवाया था।
पूछताछ के दौरान सामने आया है कि सतबीर सिंह सिर्फ संदीप काहलों को जानता था। संदीप काहलों बी.डी.पी.ओ. की पोस्ट पर है जोकि पूर्व अकाली मंत्री का भतीजा है।
मनदीप सिंह उर्फ तूफान और मनप्रीत सिंह उर्फ रईया दोनों ही अपने एक अन्य साथी के साथ संदीप काहलों की कोठी पर ठहरे हुए थे।
पता चला है कि संदीप ने ही सतबीर सिंह को मनदीप, मनप्रीत और उसके तीसरे साथी को बठिंडा छोड़ने के लिए कहा था। सतबीर को यह भी पता नहीं था कि उसके साथ बैठे युवक शूटर हैं।
वे शूटर जग्गू भगवानपुरिया के राइट हैंड माने जाते हैं जोकि जग्गू के इशारे पर ही काम करते थे। अब पुलिस संदीप सिंह काहलों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
पुलिस टीमों ने संदीप के घर पर भी छापेमारी की थी मगर वह फरार चल रहा है।

संदीप को पकड़ने के लिए बनाई योजना हुई नाकाम

सतबीर सिंह को पकड़ने के बाद जब बी.डी.पी.ओ. संदीप काहलों का नाम सामने आया तो पुलिस प्रशासन ने उसे पकड़ने की योजना बनाई थी।
उच्चाधिकारियों से बात कर उन्होंने सभी बी.डी.पी.ओ. की मीटिंग बुलाई थी लेकिन तब तक संदीप सतर्क हो चुका था। वह सरकार द्वारा बुलाई गई मीटिंग में भी शामिल नहीं हुआ था इसलिए वह पुलिस के हाथ से निकल गया।

फॉर्च्यूनर की वीडियो वायरल होने पर सतबीर को दी थी मारने की धमकी

सूत्रों के मुताबिक जब बठिंडा में एक पैट्रोल पंप से फॉर्च्यूनर कार की वीडियो वायरल हुई थी, तब खुद को फंसा देखकर सतबीर सिंह पुलिस के पास जाना चाहता था लेकिन संदीप सिंह काहलों ने उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी कि अगर उसने किसी के साथ कोई बात की तो वह सब को मार डालेगा।
उसके बाद संदीप ने ही सतबीर सिंह को अंडरग्राऊंड रहने के लिए कहा था ताकि उसका पासपोर्ट बनाकर उसे बाहर भेजा जा सके, मगर उससे पहले ही उसे पुलिस ने दबोच लिया।

हत्याकांड के बाद ऐसे भागे थे शूटर

भुज। पंजाबी गायक व कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं।
खुलासा हुआ है कि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी मुंद्रा (गुजरात) पहुंचने से पहले 57 ठिकानों पर छुपे थे।
मुंद्रा उनका 58वां ठिकाना था-जहां पुलिस ने आरोपियों को दबोच लिया। शातिर आरोपी पुलिस सहित एजेंसियों को चकमा देने के लिए हर तरकीब अपना रहे थे।
बस या गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करते थे। साइकिल और बाइक से यात्रा करते थे ताकि पुलिस को चकमा दे सकें।
शार्पशूटर फौजी और कशिश ने पुलिस को बताया है कि पुलिस सहित एजेंसियों को चकमा देने और मुंद्रा की ओर जाने के लिए उन्होंने सार्वजनिक परिवहन (बस-ट्रेन) अथवा कार का उपयोग करना टाला।
वह ट्रक, साइकिल और बाइक से सफर करते थे। गुजरात में तो कुछ जगह बैलगाड़ी से सफर किया।
पुलिस का कहना है कि पंजाब में वारदात स्थल से करीब 175 किमी. दूर वीरान खेतों में अलग से छोटी सी झोपड़ी दी गई थी।
ये नौ दिनों तक इस निर्जन इलाके में डेरा डाले रहे वारदात के बाद इन्हें खाना-पीना भी पहुंचाया जाता था। आरोपियों को यह पता नहीं था कि यह सब उनके लिए कौन कर रहा है।
हत्याकांड को अंजाम देने से एक घंटे पहले प्रयुक्त होने वाले हथियार-बारूद आदि आरोपियों को सौंपा गया था।
शूटर मनप्रीत मन्नु और जगरूप रूपा पंजाब के ग्रामीण अंचल में छुपना पसंद कर रहे थे जबकि फौजी, कशिश, अंकित सिरसा और दीपक पंजाब से भागे और मुंद्रा तक पहुंचने से पहले 57 ठिकाने बदले।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस की विशेष टीम ने 19 जून को मुंद्रा की बारोई में खारी मीठी रोड पर एक सफल ऑपरेशन कर लॉरेंस विश्नोई गैंग के खूंखार गुर्गों को दबोच लिया था।
इनकी पहचान कशिश उर्फ कुलदीप, अशोक उर्फ इलियाज उर्फ फौजी और केशवकुमार के रूप में हुई।
ये आरोपी सप्ताह पहले ही यहां आए थे किराए के कमरे में रहते थे। मुंद्रा के होटल में जाली आधार कार्ड के माध्यम से ठहरे थे।

हत्या से 1 घंटे पहले दिए गए थे हथियार

मुंद्रा में आरोपियों को दबोचने वाले ऑपरेशन से जुड़े दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने गुजरात के अपने सहयोगी गुर्गों की मदद से जाली आधार कार्ड का प्रबंध किया था।
जाली आधार कार्ड की मदद से यह मुंद्रा सहित कम भीड़ भाड़ वाले सस्ते होटल में ठहरे थे। वे कभी भी एक होटल में दो रात नहीं ठहरे।
पुलिस के डर से वह लगातार होटल -ठिकाने बदल रहे थे। हत्याकांड को अंजाम देने से एक घंटे पहले हथियार-बारूद आरोपियों को दिया गया था।

ट्रक क्लीनर-वेटर भी बने आरोपी

पुलिस एजेंसियों को चकमा देने के लिए परिवहन के साधन को लेकर ही आरोपी चौकन्ने नहीं थे अपितु गेट-अप भी बदलते रहते थे।
हर दिन नया गेट-अप बनाते थे। रेस्ट्रां में काम करते थे, वेटर भी बनते थे ट्रक क्लीनर के रूप में भी काम किया।
हत्याकांड में लिप्त छह शार्पशूटर में से चार अंकित सिरसा, दीपक, जगरूप रूपा और मनप्रीत मन्नु अब भी फरार हैं। सिरसा दीपक फौजी और कशिश बोलेरो में थे।
हत्याकांड वाले दिन इन्हीं शार्पशूटर ने मूसेवाला की गाड़ी को पीछे से टक्कर मारी थी। वहीं दूसरी ओर रूपा और मन्नू टोयोटा कोरोला कार में थे जिन्होंने आगे से गोलीबारी की थी।

कनाडा में गोल्डी बराड़ के संपर्क में थे

हर शार्पशूटर कनाडा स्थित गोल्डी बराड़ के संपर्क में था। इंटरनेट और फोन द्वारा वह हर व्यक्ति से बात कर रहा था। हत्याकांड को अंजाम देने पर शार्पशूटरों के लिए बैक-अप वाहन तैयार रखे गए थे।

यू.पी. के हथियार सप्लायर ने दी थी ए.के. 47

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के तार अब उत्तर प्रदेश के हथियार सप्लायर कुर्बान-इमरान गैंग से जुड़ गए हैं। इनसे मूसेवाला की हत्या के लिए AK-47 खरीदी गई थी।
इसका पता चलने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) मूसेवाला हत्याकांड की जांच शुरू कर सकती है। इसके लिए सबूत जुटाने का काम शुरू हो चुका है। NIA ने शनिवार को ही उत्तर प्रदेश से नदीम नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
सूत्रों के मुताबिक पूछताछ के दौरान लॉरेंस ने पंजाब पुलिस के सामने खुलासा किया है कि मूसेवाला की हत्या के लिए हथियार कुर्बान-इमरान गैंग से खरीदे गए होंगे। उनका गैंग पहले भी इनसे हथियार लेता रहा है।
लॉरेंस अभी पंजाब पुलिस की कस्टडी में है। पंजाब पुलिस उससे लगातार मूसेवाला हत्याकांड के बारे में पूछताछ कर रही है।

बुलंदशहर से आए थे हथियार

जांच एजेंसियों को शक है कि मूसेवाला की हत्या के लिए हथियार और खासकर AK-47 उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से खरीदी गई है।
ये हथियार बुलंदशहर के खुर्जा शहर से लाए गए थे। AK-47 को 8 लाख रुपए में खासतौर पर मूसेवाला की हत्या के लिए ही मंगवाया गया था।
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