संगरूर (ब्यूरो): इंडियन ऑयल कार्पोरेशन की नई टेंडर पॉलिसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। आज सुबह संगरूर टर्मीनल पर ट्रांसपोर्टर यूनिअन ने हड़ताल कर दी। इंडियन ऑयल टैंकर यूनिअन संगरूर द्वारा संगरूर डिपू के बाहर जब्रदस्त प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

इंडियन आयल टैंकर यूनिअन संगरूर के प्रधान बहादुर सिंह ने बताया कि आई.ओ.सी. द्वारा पॉलिसी बनाने में एक खास वर्ग को फायदा देने की कोशिश की है। इस नई पॉलिसी से आई.ओ.सी. से कई सालों से जुड़े ट्रांसपोर्टर कर्जदार और बेरोजगार हो जाएंगे।

बहादुर सिंह ने बताया कि अब से पहले हमेशा पॉलिसी बनाते समय आई.ओ.सी. अधिकारियों द्वारा ट्रांसपोर्टरों के साथ विचार विमर्श किया जाता था। लेकिन इस बार नहीं किया गया। उन्होने बताया कि आई.ओ.सी. का करीब 90 प्रतिशत छोटे टैंकरों से चलता रहा है, और सिर्फ 5 से 10 प्रतिशत काम बड़े टैंकरों पर निर्भर था।

लेकिन नई टेंडर पॉलिसी में 90 प्रतिशत काम बड़े ट्रालों तथा सिर्फ 5 से 10 प्रतिशत काम छोटे टैंकरों को दिया जाने की प्रावधान रखा गया है। जो कि बिल्कुल गल्त है। बहादुर सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान टैंकर यूनिअन के ड्राईवरों, क्लीनरों व ट्रांसपोर्टरों द्वारा अपनी जान की परवाह किए बिना सभी टर्मीनल पर सप्लाई जारी रखी। लेकिन अब आई.ओ.सी. की इस नीति से सरकार के कोविड वॉरियर बेरोजगार हो जाएंगे।

एक तरफ तो मोदी सरकार द्वारा महामारी के दौरान अपनी डियूटी निष्ठा से निभाने वाले लोगों को कोविड वॉरियर बताती है, लेकिन अब काम निकल जाने के पश्चात कोविड वॉरियर को बेरोजगारी, कर्जदारी की और धकेला जा रहा है। बहादुर सिंह ने कहा कि उनकी हड़ताल जारी रहेगी। इस नई टेंडर पॉलिसी के खिलाफ जालंधर व बठिंडा टर्मीनल पर भी ट्रांसपोर्टर यूनिअन द्वारा संघर्ष शुरू किया जाएगा। इस मौके पर यूनिअन के गुरविन्द्र सिंह, आज्ञा सिंह, भगवान सिंह, जगतार सिंह, अजय कुमार, इंद्रजीत सिंह, अमन कुमार, गुरपाल सिंह, सुखविन्द्र सिंह, प्रताप सिंह व अन्य ट्रांसपोर्टर, ड्राईवर क्लीनर मौजूद थे।