Prabhat Times
जालंधर। (IPS Kunwar Vijay Pratap Singh) पंजाब के कोटकपूरा और बहिबल कलां फायरिंग केस की जांच करने वाली एसआईटी के प्रमुख कुंवर विजय प्रताप सिंह अपने इस्तीफे पर कायम हैं। शुक्रवार को उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें मनाने की काफी कोशिश की लेकिन उन्होंने ही कैप्टन को मना लिया है।
चंडीगढ़ में शुक्रवार को कुंवर विजय प्रताप पंजाब के राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे। इस दौरान राज्यपाल से मुलाकात के बारे में उन्होंने केवल इतना कहा कि वह हर महीने व्यक्तिगत तौर पर राज्यपाल से मुलाकात करते हैं। आज भी वे निजी तौर पर उनसे मिलने आए थे। यह कोई खास मुलाकात नहीं थी।
अपने इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि उन्होंने कैप्टन साहब को मना लिया है। इसके साथ ही उन्होंने कैप्टन साहब को विश्वास दिलाया है कि अगर सरकार को इस मामले में किसी भी तरह की मदद की जरूरत होगी तो वे जरूर मदद करेंगे।

कैप्टन पहले नामंजूर कर चुके हैं इस्तीफा

आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने जल्द सेवामुक्ति का आग्रह करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपना इस्तीफा दे दिया था। कैप्टन ने मंगलवार को आईजी का इस्तीफा नामंजूर करते हुए कहा कि वे बहुत ही समर्थ और कुशल अफसर हैं और उनकी सेवाओं की सीमावर्ती राज्य को जरूरत है।
आईजी विजय प्रताप बरगाड़ी मामले से जुड़े कोटकपूरा और बहिबल कलां मामलों की जांच के लिए बनाई गई विशेष जांच टीम (एसआईटी) के प्रमुख हैं। हाईकोर्ट ने हाल ही में उन्हें एसआईटी से हटाकर नए सिरे से टीम गठित करने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि कुंवर विजय प्रताप सिंह को एसआईटी के प्रमुख से हटाने या केस की जांच रद करने के फैसले को उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।
आईजी और उसकी टीम ने कोटकपूरा मामले की तेजी से जांच कर शानदार काम किया है, जिसे अकालियों ने पिछले चार साल से रोकने की पूरी कोशिश की।
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