Prabhat Times
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते देश का ऑटो सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे वाहनों की बिक्री में हर महीने भारी गिरावट देखने को मिली है। लेकिन अब वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने एक बड़ा फैसला लिया है।जिसके तहत लॉन्ग टर्म पैकेज्‍ड थर्ड पार्टी और ओन-डैमेज पॉलिसी के नियमों को वापस ले लिया गया है। जिससे वाहनों के लिए अब 3 और 5 साल की थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी लेना जरूरी नहीं होगा। इसका सीधा असर वाहनों की ऑन रोड कीमत पर पड़ेगा और वाहन सस्ते पड़ेगें।
बता दें कि, बीते जून महीने में IRDA ने इस नए नियम को प्रस्तावित किया था, जिसे आगामी 1 अगस्त से देश भर में लागू किया जाएगा। इससे पहले साल 2018 के अगस्त महीने में यह लांग टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी लागू किया गया था।
जिसके तहत कारों के लिए 3 साल की मोटर पॉलिसी और सितंबर 2018 से दोपहिया वाहनों के लिए 5 साल की मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी को अनिवार्य कर दिया गया था। अब इरडा ने अपने आधिकारिक वेबसाइट पर इस बात की जानकारी दी है कि, वाहनों के लिए लांग टर्म पॉलिसी अनिवार्य नहीं होगी।
दरअसल, इरडा ने हाल ही में लॉन्‍ग टर्म पैकेज कवर को लेकर एक समीक्षा की थी, और इस समीक्षा के बाद ही यह फैसला लिया गया है कि अब आगामी अगस्त 2020 से वाहनों के लिए 3 और 5 साल की पॉलिसी लेना अनिवार्य नहीं होगा।
यानी की बीमा कंपनियां अब केवल 1 साल के ओन डैमेज पॉलिसी की बिक्री कर सकेंगी। जिससे वाहन खरीदारों को ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होगी।

क्या होता है थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस

वाहनों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य कर दिया गया है। अगर इसे आसान शब्दों में समझें तो जैसा कि नाम से ही जाहिर है, थर्ड पार्टी यानी कि तीसरी पार्टी। इंश्योरेंस की भाषा में पहली पार्टी वो होता है जो बीमा करवाता है, दूसरी पार्टी वो कंपनी होती है जो बीमा करती है और थर्ड यानी तीसरी पार्टी वो होती है जिसे दुर्घटना के दौरान नुकसान हुआ है।
यदि ड्राइविंग के दौरान आपकी गाड़ी से किसी व्यक्ति या फिर उसकी प्रॉपर्टी को कोई नुकसान होता है और आपने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवा रखा तो इस दशा में उस व्यक्ति के नुकसान का दायित्व बीमा कंपनी पर होता है। यानी कि बीमा कंपनी उस नुकसान को वहन करेगी। इसमें तीसरी पार्टी ही नुकसान का दावा करती है।