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जालंधर। (issue of missing files of the Improvement Trust is getting complicated) जालंधर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट से पहले कथित तौर पर ‘गुम’ और फिर उसी दफ्तर से मिल चुकी फाईलों का मामला पेचीदा होता जा रहा है।
फाईलों के गुम होने को लेकर इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के अजय मल्हौत्रा और पूर्व चेयरमैन के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
जिन फाईलों को गुम बता कर केस दर्ज किया गया है, दरअसल में वे अधिकांश फाईलें ट्रस्ट दफ्तर से ही मिल चुकी हैं।

ई.ओ. व सीनीयर सहायक की खींचतान में उलझा मामला

इंप्रूवमैंट ट्रस्ट में फाईलें गुम होने के मामला अब पूरी तरह से उलझ चुकी है। इंप्रूवमैंट ट्रस्ट के ई.ओ. परमिन्द्र गिल और सीनीयर सहायक अजय मल्हौत्रा के बीच की कथित खींचतान ने प्रशासन को तो सवालों के घेरे में ला दिया है, साथ ही पूर्व चेयरमैन पर भी कीचड़ के छींटे पड़े हैं।
बता दें कि ट्रस्ट की विभिन्न स्कीम की लगभग 110 से ज्यादा फाईलें गुम होने की शिकायत पर केस हुआ है, जिसमें से केस दर्ज करने से पहले ही 60 के करीब फाईलें मिल चुकी हैं। आखिर माझरा क्या है। इसे लेकर हर कोई अपने अपने कयास लगा रहा है।

जिम्मेदार कोई, फंसा कोई

सूत्रों ने बताया कि केस में नामजद किए गए सीनीयर सहायक अजय मल्हौत्रा के पास ट्रस्ट की लगभग 23 स्कीमों का काम है। ट्रस्ट की इन स्कीमों का कामकाज अजय मल्हौत्रा के जिम्मे है।
दफ्तरी सूत्रों के मुताबिक पहला तथ्य ये है कि इस रिकार्ड रूम की जिम्मेदारी सीधे तौर पर ई.ओ. की होती है।
सूत्रों की मानें तो गुम बताई जा रही लगभग 110 फाईलें पिछले सिर्फ एक या दो साल में नहीं बल्कि दशक पुरानी बताई गई हैं।
इसका अर्थ ये है कि फाईलें पिछले कुछ महीनों में ही इधर उधर नहीं हुई, बल्कि कई सालों से चल रही हैं। बड़ा सवाल ये है कि रिकार्ड रूम के जिम्मेदार ई.ओ. ने जब चार्ज लिया, तब क्या उन्होने रिकार्ड अपडेट क्यों नहीं करवाया?
सूत्रों के मुताबिक ट्रस्ट रिकार्ड रूम से जब भी कोई संबंधित अधिकारी किसी भी स्कीम या प्लाट की फाईल निकलवाता है तो उसकी रजिस्टर में ऐंटरी होती है।
जिसमें अधिकारी या कर्मचारी का नाम और उसके आगे लिखा जाता है कि फाईल किसके लिए मंगवाई गई है।
सूत्रों की मानें तो रिकार्ड रूम के रजिस्ट्र में फाईलें निकलवाने संबंधी अजय मल्हौत्रा का नाम तो लिखा है। लेकिन वापस नहीं की गई।
हालांकि अजय मल्हौत्रा की मानें तो फाईलें वापस जमा करवाने संबंधी रिसीविंग है। लेकिन फिलहाल इसकी अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं है। ये जांच का विषय है।

बड़ा सवाल-पूर्व चेयरमैन कैसे हुए जिम्मेदार?

सूत्रों के मुताबिक रिकार्ड रूम का जिम्मेदारी ई.ओ. की है और दूसरा वे अधिकारी या कर्मचारी जिम्मेदार है, जो रिकार्ड रूम से फाईल लेता है। इन दोनो स्थिति में चेयरमैन किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
ई.ओ. ने शिकायत में कहा है कि अजय मल्हौत्रा ने फाईलें निकलवा कर पूर्व चेयरमैन  के दफ्तर में ले गया, लेकिन इसकी अधिकारिक पुष्टि कहीं भी नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक आज इस मामले से जुड़े कुछ लोग पुलिस कमिश्नर को मिलकर तकनीकी और एक्ट के मुताबिक स्थिति स्पष्ट की है कि फाईलें गुम या मिलने के सारे ऐपीसोड में पूर्व चेयरमैन किसी भी हालात में जिम्मेदार नहीं हैं।

ये है मामला

बता दें कि दो दिन पहले इंप्रूवमैंट ट्रस्ट में बवाल मच गया। बात सामने आई कि डी.सी. घनश्याम थौरी द्वारा पुलिस कमिश्नर को लिखित दिया कि ट्रस्ट दफ्तर से लगभग 120 फाईलें गुम है।
इस मामले में ई.ओ. की रिपोर्ट के मुताबिक सीनीयर सहायक अजय मल्हौत्रा व पूर्व चेयरमैन के खिलाफ केस दर्ज करके फाईलें बरामद की जाएं।
डी.सी. के इन आदेशों का खुलासा होने के कुछ घण्टे बाद ही गुम बताई गई 120 फाईलो में से लगभग 70 फाईलों वीडियोग्राफी के दौरान दफ्तरी स्टाफ द्वारा रिकार्ड रूम से सीनीयर सहायक अजय मल्हौत्रा द्वारा ही ढूंढ ली गई। बताया गया कि इन्ही फाईलों मे से कुछ फाईलों विजीलैंस के पास भी हैं।
इसकी जानकारी डी.सी. और पुलिस कमिश्नर को दी गई। लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने अजय मल्हौत्रा और पूर्व चेयमरैन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।

 


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