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लुधियाना। (Jain Multispeciality Hospital, Khanna) इस समय की बड़ी खबर जिला लुधियाना के शहर खन्ना से है। कोरोना महामारी के दौरान भी भगवान माने जाते डाक्टर चांदी कूटने से बाज  नहीं आ रहे है। ऐसा ही एक और किस्सा लुधियाना के शहर खन्ना से सामने आया है।
खन्ना में स्थित जैन मल्टीस्पैशलिटी अस्पताल द्वारा कोविड-19 संक्रमित मरीज़ के परिजनों से 10-20 प्रतिशत नहीं बल्कि 106 प्रतिशत ज्यादा बिल वसूला गया। लुधियाना के डी.सी. वीरेन्द्र शर्मा द्वारा गठित हाईलेवल कमेटी की रिपोर्ट के पश्चात खन्ना के मशहूर जैन स्पैशलिटी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ अपराधिक केस दर्ज कर लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक हरियाणा के यमुनानगर निवासी सागर वर्मा के पिता अश्वनी वर्मा कोरोना संक्रमित हो गए थे। ईलाज के लिए जैन मल्टी स्पैशलिटी अस्पताल खन्ना में दाखिल करवाया गया। लुधियाना डी.सी. को दी शिकाचत में सागर वर्मा ने बताया कि मरीज़ को जब छुट्टी दी गई तो उन्हें 8 लाख 45 हज़ार 62 रूपए का बिल दिया गया।
जिसमें से उसने करीब 4 लाख 36 हज़ार का बिल जमा करवा दिया। उसने अस्पताल प्रबंधन को बताया कि उसके पास पैसे नहीं है, उसने गहने बेच कर तथा रिश्तेदारों से उधार पकड़ कर दिए हैं। इतनी राशि देकर वे मरीज़ को ले गया। बाद में अश्वनी वर्मा की मृत्यु हो गई।
सागर वर्मा की शिकायत पर कड़ा संज्ञान लेते हुए डी.सी. वीरेन्द्र शर्मा द्वारा मामले की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की और 2 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। कमेटी ने निर्धारित समय में रिपोर्ट फाईल की तो सब हैरान रह गए। कमेटी की जांच में पाया गया कि सरकारी हिदायतों के मुताबिक इस मरीज़ के ईलाज में 2 लाख 35 हज़ार 450 रूपए बनता है।
लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा पहले 3.58 गुणा ज्यादा बिल दिया गया और फिर 106 प्रतिशत ज्यादा बिल मरीज़ के परिजनों से वसूला गया। हालांकि जैन मल्टीस्पैशलिटी अस्पताल के डाक्टर प्रवेशन जैन द्वारा कहा गया कि 8 लाख 45 हज़ार का बिल कलैरीकल मिस्टेक है, लेकिन जब 4 लाख से ज्यादा वसूले जाने संबंधी संतोषजनक उत्तर न मिल पाने के कारण डी.सी. वीरेन्द्र शर्मा द्वारा जैन मल्टीस्पैशलिटी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश दिए। खन्ना पुलिस द्वारा अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ विभिन्न धाराओं के अधीन केस दर्ज कर लिया गया है।

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