चंडीगढ़ (ब्यूरो): दुनिया भर के लिए चुनौती बन चुके कोरोना वायरस से निपटने के लिए रेलवे ने भी कमर कस ली है। केंद्र सरकार के आह्वान पर रेलवे ने रेल कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तबदील करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

कपूरथला के रेल कोच फैक्टरी (RCF) की ओर से आइसोलेशन वार्ड वाले कोचों को तैयार करने का काम शुरू हो गया है। RCF के पास फिलहाल 40 ऐसे नॉन एसी कोच तैयार हैं, जिन्हें दो-तीन दिनों की मशक्कत के बाद आइसोलेशन वार्ड में तबदील किया जा सकेगा।

एक कोच में दो या तीन आइसोलेशन बेड होंगे, इस पर अभी विचार चल रहा है। डॉक्टर के लिए भी कोच के भीतर ही व्यवस्था की जाएगी।

एक कोच में बनाए जाएंगे दो या तीन आइसोलेशन बेड

रेलवे को लगभग 40 फीसद कोचों की आपूर्ति करने वाले RCF कपूरथला को रेलवे मंत्रालय से इस संबंध में पत्र मिला है। इस पर तत्काल प्रभाव से डिजाइन का काम शुरू हो गया है।

लॉक डाउन से पहले RCF में 40 कोच तैयार थे, जिन्हें रवाना नहीं किया जा सका था। अब इन कोचों को दो-तीन दिनों के भीतर आइसोलेशन वार्ड में तबदील करने पर काम चल रहा है। मंत्रालय के निर्देश पर उत्तर रेलवे व पूर्व रेलवे के कर्मचारी इस काम में रात-दिन जुटे हुए हैं।

अधिकारियों के मुताबिक एक कोच में आठ केबिन होते हैं, लेकिन सभी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योकि कोरोना वायरस पीडि़त के लिए अलग बाथरूम होना चाहिए।

इस वजह से एक कोच में दो या तीन आइसोलेशन बेड होंगे। इस पर विचार चल रहा है। डॉक्टर के लिए भी कोच में ही व्यवस्था की जाएगी। इस संबंध में विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह भी ली जा रही है और इस पर अभी मंथन हो रहा है।

पता चला है कि आरसीएफ की तरफ से ट्रायल के तौर पर ढाई-तीन सौ मास्क भी बनाए गए हैं। इसके अलावा वेंटीलेंटर बनाने पर भी काम चल रहा है। हमने जिस वेंटीलेटर को डिजाइन किया है, वह बहुत सस्ता पड़ेगा।