Prabhat Times
चंडीगढ़। कोटकपूरा फायरिंग (Kotkapura Firing) मामले में पंजाब सरकार को बड़ा झटका लगा है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए गठित एसआइटी की अभी तक की जांच रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट ने सरकार को इस पूरे मामले की जांच के लिए नए सिरे से एसआइटी गठित करने के आदेश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि नई एसआइटी में आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह को शामिल न किया जाए।
जस्टिस राजबीर सेहरावत ने यह आदेश इस मामले में फंसे इंस्पेक्टर गुरदीप सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। इंस्पेक्टर गुरदीप सिंह ने सीनियर एडवोकेट आरएस चीमा के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि कुंवर विजय प्रताप सिंह इस पूरे मामले की जांच राजनीतिक संरक्षण में कर रहे हैं। उनका रवैया याचिकाकर्ता के प्रति भेदभावपूर्ण है।
पहले जब याचिकाकर्ता ने इस मामले में दर्ज एफआइआर को रद करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी तब भी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने उन्हें यह याचिका वापस लेने की धमकी दी थी। लिहाजा, याचिकाकर्ता ने इस मामले की जांच कर रही एसआइटी से कुंवर विजय प्रताप सिंह का नाम हटाए जाने की मांग की थी। इस पर हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार सहित डीजीपी से पूछा था कि वह बताए क्या जांच कर रही एसआइटी में अब बदलाव किए जा सकते हैं या नहीं।
इस सवाल पर पंजाब सरकार और डीजीपी ने हाई कोर्ट में अपना जवाब सौंपते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता एक संगीन मामले में आरोपित है वह कैसे जांच कर रही एसआइटी पर आरोप लगा सकता है। अगर इस तरह के आरोपों से एसआइटी में बदलाव किया गया तो इससे न सिर्फ जांच प्रभावित हो जाएगी, बल्कि एसआइटी का मनोबल भी आहत होगा। इसके बाद कुंवर विजय प्रताप सिंह ने अपना जवाब दाखिल कर कहा था कि उन पर लगाए जा रहे सभी आरोप गलत हैं और वह इस मामले की पूरी निष्पक्षता, पारदर्शिता और वैज्ञानिक तरीके से जांच कर रहे हैं।
गुरदीप सिंह के बाद सुमेध सिंह सैनी और परमराज उमरानांगल ने भी इसी एसआइटी जांच को हाई कोर्ट में चुनौती दे दी थी। हाई कोर्ट ने अब सरकार की सभी दलीलों को ख़ारिज करते हुए इस मामले की एसआइटी द्वारा अब तक की गई जांच को ख़ारिज करते हुए नए सिरे से मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित किए जाने के आदेश दे दिए हैं।

ये भी पढ़ें