जालंधर (ब्यूरो): लॉकडाउन 4.0 शुरू हो गया। गृह विभाग द्वारा लॉकडाउन 4.0 में देश की जनता के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी गई हैं। बीते तीन लॉकडाउन पीरीयड की अपेक्षा इस बार लोगों को बेहद ज्यादा रिलैक्सेशन दी गई हैं। स्पष्ट है कि पहले के लॉकडाउन की तरह अब लोग घरों में नहीं रहेंगे। निर्धारित समय में वे घरो से निकलेंगे और वापस घरों को लौटेंगे।

लॉकडाउन 4 में दी गई रियायतों को देख कर एक सवाल सभी के मनों में कौंध रहा है कि क्या अब कोरोना वायरस खत्म हो चुका है? क्या कोरोना संक्रमण खत्म हो गया है? क्या लॉकडाउन 4 में दी गई रियायतों के मुताबिक जब घरो से निकलेंगे तो क्या कोरोना वायरस उन्हें नहीं छुएगा? बता दें कि ऐसा कुछ नहीं हैं। कोरोना संक्रमण देश में लगातार बढ़ रहा है। देश में कोरोना पोज़िटिव मरीज़ों की संख्या 1 लाख को छू रही है। कोरोना पोज़िटिव के केस लगातार बढ़ भी रहे हैं। अगर ऐसी स्थिति है तो फिर सरकार ने इतनी रियायतें जनता को क्यों दी?

इसका सीधा और कड़वा जवाब यही है कि हज़ारों, लाखों का टैक्स भरने वाले अपने नागरिकों को भारत सरकार मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध करवाने में असमर्थ है। लॉकडाउन के दो महीने में रैविन्यू बंद हो जाने के कारण भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों की आर्थिक स्थिति खस्ता हो चुकी है।कनाडा, यू.एस.व अन्य देशों की तरह भारत सरकार अपने नागरिकों को नहीं संभाल पाई। कोरोना महामारी फैलने से पहले से ही देश के कारोबार की हालात खस्ता थे और ऊपर से कोरोना ने कारोबार की रही सही सांसे भी निकाल दी।

लॉकडाउन के दौरान गरीब मज़दूरों को दो वक्त का खाना न मिलने के कारण वे पलायन को मजबूर हुए। कारोबार के हालात पहले से ही मंदा होने के कारण उद्योगपतियों व व्यापारिक संस्थानों ने तनख्वाह तक रोक दी। ऐसी स्थिति में नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं देने की जिम्मेदारी सरकार की थी। लेकिन वे इस जिम्मेदारी का अच्छे तरीके से निर्वाह नहीं कर पाए।

लगातार दो महीने की जद्दोजहद के बाद लोगों की जरूरतों का हवाला देते हुए सरकार ने लॉकडाउन 4.0 में रियायतों के द्वार खोल दिए। क्योंकि इसके अतिरिक्त सरकार के पास और कोई रास्ता नहीं था।

2 माह के लॉकडाउन में भी कोरोना संक्रमण को रोक पाने में विफल रही सरकार ने लॉकडाउन 4.0 जारी करके अपना पल्ला झाड़ लिया है। लॉकडाउन 4 में जारी की गई गाइडलाइंस में लोग मास्क, सेनीटाईज़ का प्रयोग तो कर लेंगे, ग्राउंड रियाल्टी ये है कि लेकिन सबसे महत्त्वपूर्ण सोशल डिस्टेसिंग के नियम का पालन नहीं कर पाएंगे।सरकार द्वारा लॉकडाउन 4 लागू कर के लोगों को रियायतें भी दी हैं और अपनी जिम्मेदारी भी खत्म कर ली है। सरकार ने ये पासा फैंक कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। भारत के प्रधानमंत्री, सेहत विभाग के विशेषज्ञ, वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाईज़ेशन के विशेषज्ञ साफ कर चुके हैं कि कोरोना के साथ ही जीना पड़ेगा।

बस सरकार ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए नागिरकों की जिम्मेदारी से पीछा छुड़वा लिया। हालात देख कर सहज ही कहा जा रहा है कि ‘सरकार ने तां लॉकडाउन फेर करके पल्ला झाड़ लिया, हुण सवारी आपणे सामान दी आप जिम्मेदार वे।’

लेकिन सभी नागरिकों से अपील है कि वे अपना ध्यान खुद रखें। जरा सी भी चूक जानलेवा साबित हो सकती है।