Prabhat Times
नई दिल्ली। (Mahapanchayat Kisan Morch Announced Bharat Band) उत्तर प्रदेश के मुजफ्फर नगर जिला में हुई महापंचायत ने एक बार फिर सरकार को हिला कर रख दिया है. दावा है कि देश के यूपी के अलावा पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे 15 राज्यों के 300 से ज्यादा सक्रिय किसान संगठन शामिल हैं. किसानों के जुटने का दावा है. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत (Mahapanchayat) में संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया. इससे पहले मोर्चे ने 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया था. 27 सितंबर को देश में रेल, सड़क मार्ग सब बंद किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के जीआईसी मैदान में आज किसान महापंचायत (Mahapanchayat) जारी है। देशभर से सैकड़ों किसानों का सैलाब इसमें हिस्सा लेने के लिए पहुंचा है. महिलाएं भी बढ़-चढ़कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई. महापंचायत (Mahapanchayat) के मद्देनजर सुरक्षा की दृष्टि से चप्पे-चप्पे पर पुलिसबल तैनात हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं.

किसानों ने दोहराया संकल्प, 18 मंडलों में करेंगे महापंचायत

किसानों ने अपना विरोध जारी रखने का संकल्प दोहराया. िकसानों ने यूपी के सभी मंडलों में महापंचायत (Mahapanchayat) कर विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ लामबंदी का ऐलान किया. साथ ही 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया.मंच से कई किसान नेताओं ने कहा, “उन्होंने (केंद्र ने) कहा कि केवल कुछ मुट्ठी भर किसान कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं. तो वे देख लें कि कितने किसान विरोध कर रहे हैं. आइए हम अपनी आवाज उठाएं ताकि यह संसद में बैठे लोगों के कानों तक पहुंचे.”
मंच से किसान नेताओं ने ऐलान किया कि यूपी के आगामी विधान सभा चुनाव में बीजेपी का विरोध करेंगे. किसान नेताओं ने कहा कि अब गोरखपुर, लखनऊ, बनारस, कानपुर समेत यूपी के सभी 18 मंडलों में किसानों की महापंचायत (Mahapanchayat) की जाएगी. किसान नेताओं ने 27 सितंबर को भारत बंद का भी आह्वान किया है और कहा है कि उस दिन ट्रेनें और बसें भी रोकी जाएंगी. मंच से किसानों ने एकजुटता दिखाने के लिए हरे रंग के कपड़े लहराए.

देश में सेल फॉर इंडिया का बोर्ड लगाः टिकैत

टिकैत ने कहा कि देश में सेल फॉर इंडिया का बोर्ड लगा है और इसे खरीदने वाले अंबानी-अडाणी हैं. उन्होंने कहा, FCI के गोदाम भी कंपनी को दे दिए. बंदरगाह भी बिक गए, मछली पालन और नमक के किसान पर असर होगा. ये पानी भी बेचेंगे. भारत बिकाऊ है, ये भारत सरकार की पॉलिसी है. अंबेडकर का संविधान भी खतरे में है. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 9 महीने से आंदोलन हो रहा है लेकिन सरकार ने बात बंद कर दी. सैंकड़ों किसानों के लिए एक मिनट का मौन नहीं किया. उन्होंने कहा, देश में बड़ी मीटिंग करनी होगी. सिर्फ मिशन UP नहीं देश बचाना होगा. बेरोजगारी और जिस तरह से चीज बेची जा रही है, उसकी अनुमति किसने दी.
किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि 8 अप्रैल 1857 को मेरठ में बगावत हुई थी और उसने अंग्रेजी शासन खत्म कर दिया था. अब उसी तरह का जोश मुजफ्फरनगर में दिख रहा है. जिस तरह से ईस्ट इंडिया कंपनी को हटाया, उसी तरह मोदी-शाह को हटाना है. उन्होंने बताया कि अगर मीटिंग 9 और 10 सितंबर को लखनऊ में गन्ने को लेकर होगी.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक के अनुसार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे विभिन्न राज्यों में फैले 300 किसान संगठनों के किसान कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे हैं, जहां 5,000 से अधिक लंगर (भोजन स्टाल) लगाए गए हैं. संगठनों के झंडे और अलग-अलग रंग की टोपी पहने किसान बसों, कारों और ट्रैक्टरों के जरिए यहां पहुंचते देखे गए. आयोजन स्थल के आसपास कई चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं.

मोदी, योगी के खिलाफ नारेबाजी

रिपोर्ट्स के अनुसार महापंचायत (Mahapanchayat) के मंच से पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को खिलाफ जमकर नारेबाजी हो रही है. इस दौरान कई किसान नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनाव में यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी को उखाड़ फेंकने के बात भी कही. एक रिपोर्ट के अनुसार मंच से सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए आपत्तिजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया. मंच पर राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव समेत कई नेता मौजूद हैं.

किसानों ने हवा में लहराए गमछे

महापंचायत (Mahapanchayat) शुरू होने से पहले आयोजकों ने आसमान में हरे, नारंगी और सफेद रंग के गमछे लहराकर राकेश टिकैत का स्वागत किया। इसके बाद सभी ने महापंचायत शुरू करने की हामी भरी। पंचायत में भारी संख्या में युवा किसान दिखाई दे रहे हैं।

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