जालंधर (ब्यूरो): कोरोना पोज़िटिव मरीज़ों को लेकर सेहत विभाग पर सवाल उठने लगे हैं। सेहत विभाग की कथित लापरवाही वाली कार्यप्रणाली के विरोध मे आज शाम मखदूमपुरा में जमकर हंगामा हुआ।

कोरोना पोज़िटिव मरीज़ों को अस्पताल ले जाने के लिए लेने आई टीम के साथ मरीज़ों व उनके परिवार वालों की तीखी नोकझोंक हुई।

काफी देर तक हुई जद्दोजहद के बाद ईलाका पार्षद शैरी चड्डा द्वारा मध्यस्थता करने पर मामला सुलझा। बच्चों को छोड़ कर बड़े मरीज़ों को सेहत विभाग की टीम के साथ भेजा जा रहा है।

बता दें कि आज दोपहर बाद जालंधर में 71 मरीज़ों की कोरोनी रिपोर्ट पोज़िटिव मिली। नियम मुताबिक सेहत विभाग की टीम ने मरीजो़ं को वैरीफाई किया और विभिन्न ईलाकों में मरीज़ो को लेने के लिए टीमें पहुंच गई।

ज्यादा मरीज़ मखदूमपुरा ईलाके के थे। 17 मरीज़ मखदूमपुरा ईलाके के होने के कारण सेहत विभाग की टीम वहां पहुंची। पता चला है कि ये मरीज़ सिर्फ तीन परिवारों से ही संबंधित हैं।

जिन लोगो को कोरोना पोज़िटिव बता कर सेहत विभाग की टीम साथ ले जाना चाहती थी, वहां उनके परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। क्योकि मरीज़ों में बच्चे भी शामिल थे। बच्चे पोज़िटिव और परिजनों की रिपोर्ट नैगेटिव आने के कारण जब्रदस्त हंगामा हुआ।

ईलाके के लोगों ने सेहत विभाग की टीम पर गंभीर आरोप लगाए। आरोप लगाया गया कि सेहत विभाग द्वारा की जा रही सैंपलिंग प्रक्रिया ही ठीक नहीं हैं। ये कैसे हो सकता है कि बच्चे पोज़िटिव और परिजन नेगेटिव।

तीखी नोकझोंक होते देखसेहत विभाग की टीम द्वारा पुलिस को सूचित किया गया। सूचना मिलते ही ईलाका पार्षद शैरी चड्डा तुरंत मौके पर पहुंचे और माहौल शांत किया।

काफी देर तक हुई जद्दोजहद के पश्चात पोज़िटिव मरीज़ों को आइसोलेट करने के लिए सभी राज़ी हो गए। पार्षद शैरी चड्डा ने बताया कि ये मामला वाकई सोच से परे है। शैरी चड्डा ने बताया कि विभाग द्वारा पिछले दिनों मखदूमपुरा ईलाके से दर्जनो सैंपल लिए।

आज 17 लोगों की रिपोर्ट पोज़िटिव मिली। जिनमें एक पोज़िटिव मरीज़ डेढ माह का बच्चा, एक 3 साल, एक 5 साल, एक 6 साल का बच्चा भी शामिल है। शैरी चड्डा ने बताया कि हैरानीजनक तथ्य ये है कि बच्चों की रिपोर्ट पोज़िटिव है और उनके परिज़नो की रिपोर्ट नेगेटिव।

पार्षद शैरी चड्डा ने बताया कि वे सभी नियमो और कानून का पालन करते हैं। लेकिन कहीं न कहीं तो पोज़िटिव नैगेटिव के खेल मे गड़बड़ है। उन्होने हैरानी जताई कि जो बच्चा मां का दूध पीता है उसकी रिपोर्ट पोज़िटिव और उसकी मां की नेगेटिव।

काफी देर तक हुई जद्दोजहद के पश्चात शैरी चड्डा की मध्यस्थता से मामला निबट गया। शैरी चड्डा ने बताया कि सेहत विभाग द्वारा पोज़िटिव बताए जा रहे बच्चो को होम आइसोलेट तथा बड़े मरीज़ों को अस्पताल में सेहत विभाग के नियमों के मुताबिक आइसोलेट किया जा रहा है।

उधर, सेहत विभाग की टीम भी काफी परेशान है। सेहत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे तो विभाग के नियम मुताबिक तथा लोगों की भलाई के लिए ही काम कर रहे हैं।

विभाग को मिली रिपोर्ट के बाद ही वे नियम मुताबिक मरीज़ों को आइसोलेट करने के लिए यहां पहुंचे। लेकिन लोगों की तरफ से उनके साथ सहयोग नहीं किया जा रहा।

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