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चंडीगढ़। (bhagwant mann cm punjab assembly session center government) पंजाब के CM भगवंत मान ने चंडीगढ़ पंजाब को देने का प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया है। इसके बाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई। अकाली दल और कांग्रेस ने इसे समर्थन दिया है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में मान सरकार जो भी फैसला लेगी, हम पूरा साथ देंगे। दूसरी तरफ भाजपा ने कहा कि चंडीगढ़ में केंद्रीय कानून लागू करने के बारे में पंजाब को गुमराह किया जा रहा है।
इस नियम से चंडीगढ़ पर पंजाब के हक कमजोर होने का कोई वास्ता नहीं है। इस दौरान आप विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि चंडीगढ़ को लेकर 6 बार प्रस्ताव आ चुका है लेकिन कांग्रेस कभी प्रस्ताव लेकर नहीं आई।

6 बार प्रस्ताव आया, कांग्रेस कभी नहीं लाई

आप विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि कांग्रेस की राज्य और केंद्र सरकार ने आज तक मक्खियां ही मारी हैं।
उनकी सरकार के वक्त कभी भी चंडीगढ़ पंजाब को देने का प्रस्ताव नहीं आया। उन्होंने कहा कि अब तक 6 बार यह प्रस्ताव सदन में आया है।
यह प्रस्ताव 18 मई 1967, 19 जनवरी 1970, 7 सितंबर 1978, 31 अक्टूबर 1985, 6 मार्च 1986, 23 दिसंबर 2014 को यह प्रस्ताव आया।
अमन अरोड़ा ने कांग्रेस के नॉन सीरियस दिन यानी 1 अप्रैल को यह प्रस्ताव लाने का मजाक उड़ाने पर कहा कि मुद्दा सीरियस है।
कांग्रेस की 24 साल पंजाब में और 26 साल केंद्र में सरकार रही है। CM मान की सरकार बने 24 दिन नहीं हुए और यह प्रस्ताव लाए हैं।
अरोड़ा ने कहा कि अगर हमारी सरकार की सीरियसनेस को चैलेंज करेंगे तो कांग्रेस को जवाब नहीं दे सकेगी।

वोट नहीं मिले तो बदला ले रही भाजपा

कांग्रेस की तरफ से विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब में भाजपा को वोट नहीं मिले, इसलिए बदले की भावना से काम किया जा रहा है।
इसलिए प्रस्ताव के साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए चलें।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पंजाब सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में भी लेकर जाए।

कांग्रेस का भी समर्थन : बाजवा

कांग्रेस विधायक तृप्त राजिंदर बाजवा ने कहा कि चंडीगढ़ के मुद्दे पर भाजपा की कोशिश से पूरे पंजाब का इम्तिहान है। इसमें सबको इकट्‌ठे होकर चलना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि CM मान फैसला करें कि धरना देना है या फिर PM से मिलना है, हम साथ हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को इस मामले में रिक्वेस्ट नहीं बल्कि सीधे निर्देश देना चाहिए कि चंडीगढ़ पंजाब को दिया जाए।

अकाली दल सरकार के साथ : अयाली

अकाली दल के विधायक मनप्रीत अयाली ने कहा कि जब पंजाब और हरियाणा अलग हुए तो चंडीगढ़ उसी वक्त हमें दिया जाना चाहिए था।
चंडीगढ़ को 10 साल के लिए अस्थायी UT बनाया गया था। 1970 में इंदिरा गांधी और 1975 में राजीव गांधी ने घोषणा की लेकिन चंडीगढ़ पंजाब को नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय नियम लागू करना साजिश है। किसान आंदोलन की तरह हमें आंदोलन करना होगा। अकाली दल इस मुद्दे पर सरकार के साथ है।

फर्स्ट अप्रैल को प्रस्ताव लाने पर मखौल

इस दौरान विरोधी विधायकों ने कहा कि मान सरकार इस अहम प्रस्ताव को पहली अप्रैल को ला रही है।
उन्होंने अप्रैल फूल के बहाने तंज कसा। इस पर CM मान ने कहा कि चंडीगढ़ में यह नियम आज लागू हो रहा है।
इसलिए वह आज ही यह प्रस्ताव पेश कर रहे हैं। यह गंभीर विषय है और इस पर मजाक नहीं होना चाहिए।

LOP के बारे में पूछने पर भड़के कांग्रेसी MLA, बाजवा और चीमा आमने-सामने 

वहीं हंगामे के बीच विधानसभा स्पीकर कुलतार सधवां ने कांग्रेस से अपना विपक्षी दल का नेता (LOP) बताने को कहा। जिससे कांग्रेसी भड़क गए।
उस वक्त कांग्रेसी विधायक वित्तमंत्री हरपाल चीमा के संबोधन के बीच बोल रहे थे। इस दौरान वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने मान के प्रस्ताव का समर्थन किया।
इस दौरान कांग्रेसी विधायकों ने रोकटोक शुरू की तो हंगामा शुरू हो गया। इससे हरपाल चीमा भड़क उठे।

CM मान बोले- 7 साल संसद में रहा, सबको बिठाना आता है

हंगामा देख CM भगवंत मान ने बीचबचाव करते हुए कहा कि चंडीगढ़ में आज नियम लागू हो रहा है। उसका विरोध कर रहे हैं।
आप लोगों ने पिछले 5 साल में क्या किया?। 5 साल सिसवां महल के दरवाजे ही नहीं खुले।
सीएम ने कहा कि ताकत जाती है तो मुश्किल होती है, लेकिन मैं भी 7 साल संसद में रहा हूं, मुझे सबको बिठाना आता है। कांग्रेस MLA प्रताप बाजवा ने बदमाशी शब्द इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई।

CM मान ने चंडीगढ़ पंजाब को देने का प्रस्ताव पेश किया

इससे पहले प्रस्ताव पेश करते हुए CM मान ने कहा कि पंजाब पुनर्गठन एक्ट के तहत चंडीगढ़ को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था।
पंजाब का कुछ हिस्सा चंडीगढ़ को दिया गया था। केंद्र सरकार ने हाल में पहले भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के पदों के लिए सभी सरकारों को कह दिया है।
पहले यह पद पंजाब से भरे जाते थे। चंडीगढ़ में भी केंद्र ने बाहर के अफसरों को तैनात किया है।
वहीं चंडीगढ़ में केंद्रीय कानून लागू कर दिए गए हैं। चंडीगढ़ को पंजाब की राजधानी बनाया गया था।
उन्होंने कहा कि जब भी किसी राज्य का बंटवारा हुआ तो राजधानी मूल राज्य के पास रहती है। इसलिए चंडीगढ़ पर पंजाब का दावा है।
पहले भी सदन ने कई प्रस्ताव पास कर चंडीगढ़ पंजाब को देने के लिए प्रस्ताव पास किया था।
चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब को देने के लिए प्रस्ताव पास किया जा रहा है। केंद्र ऐसा कोई काम न करे कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड और चंडीगढ़ में संतुलन बिगड़े।

बेवजह मुद्दे को तूल दे रही सरकार : BJP

भाजपा के पंजाब महासचिव जीवन गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी बेवजह इस मुद्दे को तूल दे रही है।
पंजाब के कर्मचारी भी उत्तर प्रदेश में काम करते हैं। चंडीगढ़ को लेकर पंजाब से जुड़ी आशंका बेवजह है। सेशन बुलाकर पंजाब को गुमराह किया जा रहा है।

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