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जालंधर: महानगर की पॉश कालोनी मास्टर तारा सिंह नगर के सैंकड़ो लोग खौफ के साए में है। खौफ अपराध का नहीं बल्कि कोरोना का है। हालात ऐसे बन चुके हैं कि अगर प्रशासन समय रहते न जागा मास्टर तारा सिंह नगर के घर घर में कोरोना मरीज़ होंगे।

ईलाकावासियों द्वारा बार बार जिला प्रशासन व सेहत विभाग को सूचित किया जा रहा है, लेकिन फिलहाल संबंधित विभाग लापरवाही पूर्ण रवैया अपनाए हुए है।

मास्टर तारा सिंह नगर निवासियों ने बताया कि दो दिन पहले ईलाके के एक बुर्जुग व्यक्ति की कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण मृत्यु हो गई थी। उक्त बुर्जुग दंपत्ति घर में अकेले रहते थे।

ईलाके के ही प्लाट में रहते प्रवासी लोगों द्वारा उनके घर का काम काज तथा उनकी देखभाल की जाती थी। बुर्जुग व्यक्ति की कोरोना से मृत्यु के पश्चात उक्त प्रवासी भी गायब है।

प्लाट में रहते हैं 80 प्रवासी श्रमिक

ईलाकावासियों ने बताया कि मास्टर तारा सिंह नगर में टैलीफोन एक्सचेंज के निकट स्थित खाली प्लाट में बनाई गई झुग्गियों में करीब 80 लोग रहते हैं।

ये सभी लोग एक ही बाथरूम का प्रयोग करते हैं और इनमें से करीब 40-50 प्रवासी श्रमिक, महिलाएं मास्टर तारा सिंह नगर में ही लोगो के घरों में काम करती हैं। लोगो ने बताया कि इसी तथ्य को लेकर ईलाके में खौफ है। कोरोना के आतंक का साया हर घर में फैला हुआ है।

ईलाकावासियों ने बताया कि उनके द्वारा जिला प्रशासन तथा सेहत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार कहा जा चुका है कि इस प्लाट में रहते सभी प्रवासी लोगों का कोरोना टेस्ट करवाया जाए और एहतियात के तौर पर सख्त कदम उठाए जाएं।

लेकिन दो दिन बीत जाने के बावजूद सेहत विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं। लोगों ने जिला प्रशासन से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की अपील की है।