Prabhat Times
नई दिल्ली। श्रम मंत्रालय (Labour Ministry) ने संसद में हाल ही में पारित एक संहिता में कार्य के घंटे (Working Hours) को बढ़ाकर अधिकतम 12 घंटे प्रतिदिन करने का प्रस्ताव दिया है।
अभी कार्य दिवस अधिकतम 10.5 घंटे का होता है, मंत्रालय ने व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य शर्तें (OSH) संहिता 2020 के मसौदा नियमों के तहत अधिकतम 12 घंटे के कार्य दिवस का प्रस्ताव दिया है।
हालांकि, हफ्ते में काम करने की अधिकतम सीमा 48 घंटे ही रहेगी उसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी, कहा जा रहा है कि अगर कोई कर्मचारी रोजाना 12 घंटे काम करता है तो वह हफ्ते में महज 4 दिन काम करेगा और तीन दिन छुट्टी रहेगी या अगर वो उसमें काम करता है तो उसे ओवरटाइम मिलेगा।

विभिन्न देशों मे क्या हैं Working Hours

फ्रांस की बात करें तो वहां रोजाना 7 घंटे और हफ्ते में 35 घंटे काम करना होता है, इसके अलावा कनाडा, चीन, अमेरिका और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में रोजाना अधिकतम 8 घंटे काम और हफ्ते में अधिकतम 40 घंटे काम लिया जाता है।
बात अगर ऑस्ट्रेलिया की करें तो वहां पर रोजाना 7.6 घंटे और हफ्ते में 38 घंटे काम करना करने की अनिवार्यता है। ब्रिटेन जर्मनी, थाईलैंड, वियतनाम और बांग्लादेश जैसे देशों में हफ्ते में 48 घंटे काम लिया जाता है।

पांच घंटे बाद आधे घंटे का इंटरवल जरूरी

मसौदे के मुताबिक लगातार पांच घंटे काम करने के बाद आधे घंटे का इंटरवल देना जरूरी होगा वहीं सप्ताह के हिसाब से हर रोज कार्य के घंटे इस तरह से तय करने होंगे कि पूरे सप्ताह में ये 48 घंटे से अधिक न हो पाएं।
मसौदा नियमों में कहा गया है, ‘किसी भी श्रमिक को एक सप्ताह में 48 घंटे से अधिक समय तक किसी प्रतिष्ठान में काम करने की आवश्यकता नहीं होगी और न ही ऐसा करने की अनुमति दी जाएगी’ ओएसएच संहिता के मसौदा नियमों के अनुसार, किसी भी दिन ओवरटाइम की गणना में 15 से 30 मिनट के समय को 30 मिनट गिना जाएगा।
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