Prabhat Times
जालंधर। महानगर के विभिन्न एसोसिएशन, दुकानदारों ने कहा है कि मार्किट में ऑड-ईवन (Odd-Even) नहीं बल्कि इजैंशियल सर्विसीज़ और नॉन इजैंशियल सर्विसीज़ कारोबार के लिए अलग-अलग समय दे दिया जाए। ये सुझाव आज व्यापारियों, एसोसिएशनों के पदाधिकारियों की जिला के पुलिस, प्रशासनिक और जन-प्रतिनिधियों से हुई संयुक्त बैठक में दिया गया है।
बता दें कि दो दिन पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा आदेश दिए गए थे कि सभी जिला के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए थे वे सभी पड़ाववार यानिकि ऑड-ईवन तरीके से मार्किट खोलने का प्लान बनाए। ऐसा प्लान बनाया जाए, जिससे बाकी मार्किट भी खोली जा सके।
इसी संबंध में आज डी.सी. घनश्याम थौरी, द्वारा जिला प्रशासकीय कांपलैक्स में बैठक की गई। जिसमें सांसद संतोष चौधरी, विधायक सुशील रिंकू, विधायक राजेन्द्र बेरी, लाड्डी शेरोवालिय, परगट सिंह तथा व्यापार मंडल के पदाधिकारी, विभिन्न मार्किट एसोसिएशनों के पदाधाकिरी मौजूद रहे। जिसमें माडल टाऊन से अनिल अरोड़ा, राजीव दुग्गल, डॉल्फिन मार्किट से जसदीप खुराना, फगवाड़ा गेट से इलैक्ट्रानिक मार्किट के प्रधान बलजीत सिंह आहलूवालिया, ट्रेडर्ज़ फोरम रविन्द्र धीर, चेयरमैन इैलक्ट्रिकल अमित सहगल, पार्षद शैरी चड्डा, पीर बोदला बाजार से रमन अरोड़ा, प्रधान जॉय मलिक, अटारी बाजार से सुखविन्द्र बग्गा, व्यापार मंडल परविन्द्र बहल उपस्थित हुए।
बैठक में सभी दुकानदारों ने संयुक्त रूप से कहा कि उन्हें ऑड-ईवन फार्मूला मंजूर नहीं है। सभी ने सांझे तौर पर एक ही सुझाव दिया कि नॉन इजैंशियल और इजैंशियल सर्विसीज़ का कारोबार का समय निर्धारित कर दिया जाए। जैसे कि प्रशासन की लिस्ट में जो इजैंशियल सर्वसीज़ हैं, उन्हें सुबह 6 बजे से 11 बजे तक खोलने की अनुमती दी जाए और जो नॉन इजैंशियल हैं उन्हें 11 से शाम 5 बजे तक खोलने की अनुमती दी जाए।
इससे सभी को कारोबार करने का अवसर मिलेगा। और सरकार का उद्देश्य की सड़कों पर भीड़ कम हो, वो भी पूरा हो जाएगा। सभी ने संयुक्त रूप से कहा कि सरकार के निर्देश कि शनिवार और रविवार को लॉकडाउन होगा, ये फैसला सभी को मंजूर है। लेकिन 5 दिन सभी को कारोबार करने के अवसर दिया जाना चाहिए। ये भी कहा गया कि अगर प्रसासन इस सुझाव पर अमल करता है तो इसे समय समय पर रिव्यू किया जा सकता है।
लगभग 25 मिनट तक चली बैठक के दौरान और भी सुझाव दिए गए। बैठक में प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि उन्हें मिले सुझाव संबंधी प्रोपोज़ल तैयार कर वे सरकार को भेजेंगे। जिस पर सरकार की तरफ से जो निर्देश आएंगे, उसे लागू किया जाएगा।

ये भी पढ़ें