Prabhat Times
लुधियाना। इस समय की बड़ी खबर लुधियाना (Ludhiana) से है। लुधियाना की एक अदालत ने महिला की शिकायत पर सुनवाई करते हुए लोक इंसाफ पार्टी (Lok Insaaf Party) के प्रधान और विधायक सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं। ये आदेश अतिरिक्त चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट हरसिमरनजीत सिंह की अदालत ने दिए हैं। अदालत ने आदेश में कहा, ‘लगता है इस मामले में पलीस ने आंखें ही मूंद ली।
इस अदालत की चिंता का वास्तविक कारण यह है कि क्या यौन शोषण की पीड़िता अदालत में शिकायत दर्ज करके शक्तिशाली और साधन संपन्न आरोपितों के खिलाफ सबूत इकट्ठा कर सकती व न्याय पाने की उम्मीद की जा सकती है। यदि मामला दर्ज करने की कार्रवाई का निर्देश नहीं दिया जाता है, तो शिकायतकर्ता का पूरा मामला चरमरा जाएगा और यह न्याय की विफलता के समान होगा’।
16 नवंबर, 2020 को महिला ने लुधियाना के विधायक बैंस, कमलजीत सिंह, बलजिंदर कौर, जसबीर कौर उर्फ ​​भाभी, सुखचैन सिंह, परमजीत सिंह उर्फ ​​पम्मा, गोगी शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पुलिस आयुक्त लुधियाना शिकायत दी थी। वह न्याय की मांग को लेकर पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर काफी देर तक लगातार धरने पर बैठी रहीं। लेकिन जब कार्रवाई नहीं हुई तो महिला ने अदालत का रुख किया।
लेकिन न्यायिक मजिस्ट्रेट पलविंदर सिंह की अदालत महिला की दलीलों से सहमत नहीं थी और उसे अदालत में सबूत पेश करने का आदेश दिया। उस आदेश के खिलाफ, महिला ने अडीशन सैशन जज की अदालत में दोबारा याचिका दायर की थी, जिसने निचली अदालत के आदेश पर पुनर्विचार करने और नए आदेश पारित करने के निर्देश को रद कर दिया था। अदालत ने सुनवाई के दौरान आज केस दर्ज कर जांच के आदेश दिए।

ये है मामला

महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि वह एक संपत्ति विवाद में विधायक के संपर्क में आई थी लेकिन वह फंस गई थी। उसने दावा किया कि उसे बार-बार फोन कॉल और कई व्हाट्सएप संदेश मिले। महिला ने बैंस पर बलात्कार के आरोप लगाए। याचिकाकर्ता के अनुसार, उसके भाई और पिता को लगातार फोन पर धमकाया जा रहा था और विधायक के करीबी सहयोगियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से भी संपर्क किया जा रहा था।

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