मोगा (ब्यूरो): 30 जून को बाघापुराना में कोरियर की दुकान के पास हुए बम ब्लास्ट के मामले को पुलिस ने सुलझते हुए तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। रेहड़ी लगाने के विवाद में सबक सिखाने के लिए मैकेनिकल में आइटीआइ कर रहे युवक ने दो साथियों की मदद से बम बनाया था। उसने बम बनाने के लिए इंटरनेट की मदद ली थी।

मैकेनिकल का छात्र होने के कारण उसने आसानी से बम बना लिया, लेकिन उसकी क्षमता कम थी। आतंकियों ने पुलवामा हमले में आइईडी बम का ही प्रयोग किया था। इसी कारण पहले एनआइए व फिर एनएसजी की टीम जांच करके गई थी।

मोगा ब्लास्ट में आइईडी बम का हुआ था प्रयोग

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बाघापुराना के कोटकपूरा बाईपास पर 30 जून की दोपहर को कोरियर सर्विस और का काम करने वाला राजाराम बम विस्फोट में घायल हो गया था।

उसके पास कोरियर से भरा थैला था, जिसमें से एक कोरियर फट गया था। शुरू में ऐसा लगा था कि धमाका कोरियर से हुआ है, लेकिन फटे कोरियर की नापतोल के बाद यह शक खत्म हो गया कि धमाका कोरियर से हुआ है।

मुख्य आरोपी है आइटीआइ का छात्र, इंटरनेट की मदद से बनाया बम

बाद में पुलिस ने आसपास की दुकानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चेक किया। इस दौरान पुलिस ने बम रखकर गए व्यक्ति के चेहरे की पहचान कर ली थी। सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने एक युवक को धमाके के दूसरे दिन ही हिरासत में ले लिया था।

उससे पूछताछ के बाद उसके दो और साथियों को भी पकड़ा। युवकों ने जिन-जिन स्थानों से बम बनाने का सामान खरीदने का जिक्र किया है, वहां से सामान खरीदे जाने की भी पुष्टि हो गई।

सीसीटीवी कैमरे से खुले राज

प्रारंभिक जांच में आइईडी बम होने की बात सामने आने के कारण एनआइए और एनएसजी की टीम जांच करने आई, क्योंकि आतंकी आइईडी बम का धमाके के लिए प्रयोग करते हैं।

पुलिस ने इस मामले में कोठे सैनियां, कोटकपूरा निवासी सगे भाई संदीप कुमार व मनोज कुमार और अनूप सिंह को गिरफ्तार किया है। पुलिस की पूछताछ के दौरान संदीप कुमार ने जल्द ही सारे राज उगल दिए।

सबक सिखाने के चक्कर में बने अपराधी

बारहवीं पास संदीप ने मैकेनिकल से आइटीआइ में एडमिशन लिया, लेकिन कोर्स पूरा नहीं कर सका। संदीप ने बताया कि एक साल पहले वह राजू की दुकान पर छोले-कुल्चे का काम करता था। काम कम होने पर राजू ने उसे हटा दिया तो उसने अपनी रेहड़ी लगा ली।

जहां संदीप ने रेहड़ी लगाई, वहीं राजू ने दो और रेहड़ी लगवा दी, जिससे संदीप का काम ठप हो गया। बस इसी रंजिश में संदीप ने अपने दोनों साथियों के साथ मिलकर राजू को बम से उड़ाने की योजना तैयार कर बम बना डाला। अनूप संदीप का बचपन का दोस्त था वह दोस्ती निभाने के चक्कर में वह भी पकड़ा गया।

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