Prabhat Times
नई दिल्‍ली। वाहनों के मालिकाना हक का ट्रांसफर अब आसानी से हो सकेगा। ऐसी व्‍यवस्‍था की जा रही है जिसमें परिवार के सदस्‍य या नॉमिनी इसके योग्‍य होंगे।
इसके लिए सड़क परिवहन मंत्रालय सेंट्रल मोटर वीइकल रूल्‍स में बदलाव करने जा रहा है।
नए नियम में रजिस्‍ट्रेशन के वक्‍त वाहन मालिक को नॉमिनी का नाम भरने का विकल्‍प दिया जाएगा।
नॉमिनी को बाद में ऑनलाइन अप्लिकेशन के जरिए भी जुड़वाया जा सकता है। इससे उन वाहन मालिकों के परिवार, खासतौर से वे जिनकी मौत हो चुकी है, को राहत मिलेगी।
ड्राफ्ट नियमों के मुताबिक, वाहन मालिक को वेरिकेशन के लिए नॉमिनी का कुछ सबूत देना होगा।
अभी गाड़ी के रजिस्‍टर्ड ओनर की मौत के बाद, परिवार को तीन महीने के भीतर ओनरशिप ट्रांसफर करानी होती है।
कई प्रक्रियाएं होती हैं जिनकी वजह से बार-बार सरकारी विभागों के चक्‍कर लगाने पड़ते हैं।
ट्रांसपोर्ट मिनिस्‍ट्री के एक अधिकारी के अनुसार, “यह कदम ईज ऑफ लिविंग को बेहतर बनाने के लिए है।”

क्‍या है नया बदलाव?

रजिस्‍टर्ड ओनर की मौत के मामले में अब ओनरशिप का ट्रांसफर नॉमिनी को हो जाएगा।
नॉमिनी जहां रहता है या काम करता है, वहां की रजिस्‍टरिंग अथॉरिटी को अपने नाम पर ताजा रजिस्‍ट्रेशन के लिए पोर्टल के जरिए जानकारी देनी होगी।
ट्रांसपोर्ट एक्‍सपर्ट मुताबिक, “यह बड़ा सुधार है और कई दिक्‍कतों को दूर करेगा। खासतौर से उन मामलों में जहां मालिक की मौत हो जाती है।”
एक और बदलाव के तहत, 50 साल से ज्‍यादा पुराने टू-वीलर्स और फोर-वीलर्स को ‘विंटेज वीइकल’ की तरह रजिस्‍ट करा पाना भी आसान हो जाएगा।
मंत्रालय का प्रस्‍ताव है कि ऐसे वाहनों के मालिक 10 साल के लिए 20,000 रुपये देकर रजिस्‍ट्रेशन करा सकते हैं। रिन्‍युअल फीस 5,000 रुपये होगी।

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