Prabhat Times 
जालंधर। पंजाब के सी.एम. कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amrinder Singh) और पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू (Navjot Sidhu) के बीच शुरू हुई ‘राजनीतिक वॉर’ लगातार चल रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के समर्थन में बीते दिन राज्य के वरिष्ठ नेताओं द्वारा सिद्धू पर किए गए हमले के पश्चात आज एक बार फिर नवजोत सिद्धू ने सीधे कैप्टन अमरिंदर सिंह पर बड़ा हमला किया है।
नवजोत सिद्धू ने ट्वीट में कैप्टन अमरिंदर सिंह का नाम लिए बिना ट्वीट किया कि दूसरे के कंधो पर बंदूक रख कर चलाना बंद करें। नवजोत सिद्धू ने ट्वीट में लिखा कि ‘आज भी और कल भी मेरी आत्मा गुरू साहिब के बेअदबी के लिए इंसाफ की मांग करती रहेगी। पंजाब के हित पार्टी से कहीं ऊपर हैं। पार्टी के लीडरों के कंधो पर बंदूक चलानी बंद करो, आप सीधे तौर पर जिम्मेदार और जवाबदेह हो। आपको गुरू की कचहरी में कौन बचाएगा।’

नवजोत सिद्धू के खिलाफ चार और मंत्रियों ने खोला मोर्चा

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर लगातार हमले कर रहे विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ पहले तीन कैबिनेट मंत्रियों द्वारा पार्टी हाईकमान से अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग की गई।
कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, विजय इंदर सिंगला, भारत भूषण आशू और गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने नवजोत सिद्दू द्वारा बीते कुछ दिनों से मुख्यमंत्री पर लगातार किए जा रहे तीखे हमलों को कांग्रेस के लिए तबाही की मुहिम करार देते हुए कहा है कि सिद्धू और प्रदेश के विपक्षी दल, जिनमें आम आदमी पार्टी और भाजपा शामिल हैं, के बीच परस्पर मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि यह भी संभव है कि नवजोत सिद्धू द्वारा मुख्यमंत्री पर किए जा रहे हमले प्रदेश में 2022 के चुनाव के मद्देनजर किसी चुनावी एजेंडे का हिस्सा हों क्योंकि यह साफ दिख रहा है कि पंजाब कांग्रेस के लिए समस्याएं खड़ी की जा रही हैं और यह सब कुछ भाजपा और आप नेताओं के उकसावे पर हो रहा है।
मंत्रियों ने आगे कहा कि जिस तरह सिद्धू द्वारा प्रदेश सरकार खासकर मुख्यमंत्री के खिलाफ मुहिम शुरू की गई है, वह साफ तौर पर एक साजिश दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि सिद्धू द्वारा बेअदबी और अन्य मुद्दों को लेकर कैप्टन पर किए जा रहे जुबानी हमले पार्टी के खिलाफ खुली बगावत हैं।
चारों मंत्रियों ने सिद्धू के कार्यों को पूरी तरह अनुशासनहीनता करार देते हुए कहा कि ऐसी पार्टी विरोधी गतिविधियों को कोई भी राजनीतिक दल बर्दाश्त नहीं कर सकता। वह भी ऐसे समय जब प्रदेश में चुनाव नजदीक हों। चारों मंत्रियों ने मांग की कि सिद्धू को तुरंत पार्टी से बर्खास्त किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर सिद्धू को निकाला नहीं किया तो पंजाब कांग्रेस में उसकी लगातार मौजूदगी पार्टी की प्रदेश इकाई में गड़बड़ी फैला सकती है और पार्टी का ध्यान चुनाव की तैयारी संबंधी महत्वपूर्ण कार्य से भटक सकता है।
मंत्रियों ने आगे कहा कि जिस थाली में खाना, उसी में छेद करना सिद्धू की आदत है। इसी वजह से सिद्दू ने अपनी पूर्व पार्टियों में भी अपनी साख गंवा दी है। सिद्धू को पार्टी के लिए एक मुसीबत करार देते हुए चारों मंत्रियों ने कहा कि इतने सालों के दौरान सिद्धू पंजाब में कांग्रेस और प्रदेश सरकार में कोई योगदान देने में पूरी तरह असफल रहा है।
कैप्टन को चुनाव लड़ने की चुनौती देने के मुद्दे पर चारों मंत्रियों ने कहा कि सिद्धू को चाहिए कि वह कांग्रेस छोड़ दे और अगर उन्हें अपनी सियासी ताकत पर भरोसा है तो मुख्यमंत्री के विरुद्ध चुनाव लड़े। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री पर हमले करके वे प्रसिद्धी पाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका कोई सियासी लाभ नहीं होने वाला।

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