Prabhat Times
लंदन। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से दहशत में आए ब्रिटेन के लोगों के लिए खुशखबरी है। ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी (oxford university) और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन को ब्रिटेन में मंजूरी मिल गई है।
खबर दी है कि यूनाइटेड किंगडम नियामक द्वारा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी -एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। इसका मतलब है कि अब जल्द ही इसकी पहली खुराक दी जाएगी। बता दें कि इससे पहले ब्रिटेन ने फाइजर की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी थी।
यूके सरकार ने कहा कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन को अधिकृत करने के लिए सरकार ने मेडिसिंस एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी की सिफारिश स्वीकार कर ली है।
इससे पहले एक रिपोर्ट में दावा किया था कि ब्रिटेन के लोगों को जनवरी से ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन मिलने लगेगी।  औषधि एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) की मंजूरी मिलने का अभिप्राय है कि टीका सुरक्षित और प्रभावी है।
 इस टीके का निर्माण करने के लिए ऑक्सफोर्ड ने भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के साथ भी करार किया है और इसका मूल्यांकन एमएचआरए ने सरकार को गत सोमवार को जमा अंतिम आंकड़ों के आधार पर किया है।
यह मंजूरी ऐसे समय दी गई है जब वरिष्ठ ब्रिटिश वैज्ञानिक ने रेखांकित किया है कि ऑक्सफोर्ड का टीका वास्तव में स्थिति बदलने वाला है जिससे वर्ष 2021 की गर्मियों तक वायरस के खिलाफ टीकाकरण कर देश सामुदायिक स्तर पर बीमारी के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त कर सकता है।
श्वास रोग विशेषज्ञ और सरकार की आपात व्यवस्था को लेकर गठित वैज्ञानिक सलाहकार समूह के सदस्य प्रोफेसर कालम सेम्पल ने कहा, ‘टीका लेने वाले व्यक्ति कुछ हफ्तों में वायरस से सुरक्षित हो जााएंगे और यह बहुत महत्वपूर्ण है।’
ब्रिटेन ने टीके की करीब 10 करोड़ खुराक के ऑर्डर दिए हैं जिनमें से चार करोड़ खुराक मार्च के अंत तक मिलने की उम्मीद है।
एस्ट्राजेनेका के प्रमुख पास्कल सोरियट ने जोर देकर कहा है कि अनुसंधानकर्ताओं ने अंतिम नतीजों को प्रकाशित करने से पहले टीके की दो खुराक का इस्तेमाल कर कारगर फार्मूला हासिल किया है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि वायरस पूर्व के अनुमानों से अधिक प्रभावी होगा और इसके कोरोना वायरस के नए प्रकार पर भी प्रभावी होना चाहिए जिसकी वजह से ब्रिटेन के अधिकतर हिस्सों में भय की स्थिति है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में ऑक्सफोड वैक्सीन की आपूर्ति जनवरी से शुरू कर दी जायेगी। सरकार की मंशा है कि एक पखवाड़े के भीतर 20 लोगों को ऑक्सफोर्ड अथवा फाइजर वैक्सीन की पहली खुराक दिलवा दी जाये।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को ब्रिटिश नियामकों की  मंजूरी की प्रतीक्षा है , जो संभवत: सोमवार को मिल सकती है।
मंजूरी मिलने  के बाद संभवत: जनवरी के दूसरे सप्ताह तक प्रमुख स्थानों पर टीकाकरण केंद्र  खोल दिये जायेंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक फाइजर वैक्सीन की तुलना में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को संग्रहित करना आसान है और यह कम खर्चीला भी है। इसलिए माना जा सकता है कि दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को इससे अधिक फायदा होगा।
बीते दिनों  ब्रिटेन ने फाइजर और बायोएनटेक की दो-शॉट वाली वैक्सीन की चार करोड़ खुराक का ऑर्डर दिया हुआ है। यह वैक्सीन संक्रमण को रोकने में 95% से अधिक प्रभावी पाई गई है।
ब्रिटेन ने 20 नवंबर को अपने चिकित्सा नियामक, मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) से फाइजर-बायोएनटेक कोरोना वायरस वैक्सीन का आकलन करने को कहा था।
ब्रिटेन के बाद बहरीन दुनिया का दूसरा देश बन गया है जिसने दवा निर्माता कंपनी फाइजर और उसके जर्मन सहयोगी बायोनटेक द्वारा विकसित कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल की औपचारिक मंजूरी दी है।

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