Prabhat Times
चंडीगढ़। पंजाब में कांग्रेस (Congress) सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों के लिए 30 प्रतिशत फंड लोगों के जीवन स्तर सुधार और कल्याण पर खर्च करने की घोषणा को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित बताते हुए नैशनल शेड्यूल्ड कास्टस अलायंस के अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने कहा के पंजाब में, अनुसूचित जाति के छात्रों के लाखों गरीब बच्चों को हाल के वर्षों में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के प्रबंधन द्वारा प्रवेश और डिग्री से वंचित किया जा रहा था।
उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार ने दलित आबादी के 50% से अधिक आबादी वाले 2857 गाँवों के आधुनिकीकरण के लिए वर्ष 2021-2122 के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करने का वादा किया है, गाँवों में महत्वपूर्ण स्कूल, डिस्पेंसरी, धर्मशालाएं, गलियों और नालियों के आधुनिकीकरण के लिए अनुसूचित जाति के प्रत्येक गाँव में 3 लाख 50000 रुपये हिस्से मे खर्च करने है, आधुनिकीकरण के लिए प्रत्येक गाँव सौभाग्यशाली होगा।
कैंथ ने कहा कि पंजाब में अनुसूचित जातियों के साथ विश्वासघात करना और उनकी गरीबी का मजाक उड़ाना है।  पंजाब के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के योजना विभाग को सलाह देते हुए परमजीत सिंह कैंथ ने कहा कि अनुसूचित जातियों की आबादी और कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी हासिल करनी जानी चाहिए।
उन्होनें कहा कि कांग्रेस पार्टी पंजाब सरकार को कैबिनेट में राजनीतिक रूप से पिछड़े विधायकों के 30% हिस्से को सुनिश्चित करने के लिए पहलकदमी करनी चाहिए क्योंकि पंजाब सरकार में अब दलितों की हिस्सेदारी 15% है उपायुक्त, आयुक्त, पुलिस प्रशासन में एसएसपी, पुलिस आयुक्त और  पुलिस उप महानिरीक्षक के पद पर नियुक्त अनुसूचित जाति के अधिकारीगण ना के बराबर हैं।
कांग्रेस सरकार को इसके अंतर्विरोध के कारण अनुसूचित जाति के अधिकारी को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलता। कैंथ ने कहा कि जाति आधारित भेदभाव दलित समुदाय के खिलाफ किया जाता है। कैप्टन सरकार का प्रशासन पिछले कुछ वर्षों में पंचायत शामलात भूमि को अनुसूचित जाति में हिस्सा देने में विफल रहा है और हिस्सेदारी के दावे खोखले हैं।
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