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जालंधर। (PIMS Hospital, Jalandhar) कोरोना वायरस (Coronavirus) विकराल रूप धारण कर चुका है। अब तो रोजाना कम उम्र के लोग भी कोरोना वायरस का शिकार बन रहे हैं। जालंधर में दिन निकलते ही दुःखदायी खबर सामने आई है। 24 साल के कोरोना संक्रमित युवक की मौत ने सेहत विभाग को चिंता में डाल दिया है। उधर, युवक के परिजनों ने गढ़ा रोड़ पर स्थित पिम्स अस्पताल पर ईलाज में कोताही बरतने के आरोप लगाए हैं।
जानकारी के मुताबिक नवांशहर निवासी गुरसेवक सिंह पिछले दिनों से तबीयत खराब थी। उसे कुछ दिन पहले ही पिम्स अस्पताल मे दाखिल करवाया गया था, जहां उसकी मृत्यु हो गई। गुरसेवक की मृत्यु के बाद उसकी मां कमलजीत कौर ने अस्पताल प्रबंधन पर ईलाज में कोताही बरतने के आरोप लगाए हैं। कमलजीत कौर ने बताया कि उसके बेटे गुरसेवक की कुछ दिन पहले तबीयत खराब हो गई थी।
नवांशहर में डॉक्टरों ने जवाब दे दिया तो वह जालंधर के पिम्स में उसे ले आए। यहां पर डॉक्टर ने कहा कि उसके बेटे को निमोनिया हो गया है और वह कोरोना पॉजिटिव भी है। उसे तीसरी मंजिल में रूम दे दिया लेकिन उसका सही ढंग से इलाज नहीं हुआ। आज बेटे की अस्पताल में मौत हो गई। उनका आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही के चलते ही उसके जवान बेटे की मौत हुई है।
कमलजीत कौर ने आरोप लगाया कि बेटे को अस्पताल में सही ईलाज नहीं मिला। समय पर ऑक्सीज़न तक नहीं मिली गई। कमलजीत कौर ने अस्पताल में उपचाराधीन के समय गुरसेवक द्वारा भेजे गए मैसेज भी दिखाए। जिसमें गुरसेवक ने लिखा है कि तीन दिन से ऑक्सीज़न नहीं है। वो मर जाएगा।
कमलजीत कौर ने जिला प्रशासन से इस मामले की जांच करने तथा ईलाज में कोताही बरतने वाले अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उधर, इस मामले में फिलहाल अस्पताल प्रबंधन का पक्ष सामने नहीं आया है। अस्पताल प्रबंधन का पक्ष मिलते ही प्रकाशित किया जाएगा।

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