नई दिल्ली (ब्यूरो): 21 दिन के लॉकडाऊन की अवधि पूरी होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार देश की जनता से रूबरू हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों तक संयम रखने के लिए धन्यवाद किया। नरेंद्र मोदी ने लॉकडाऊन को जनहित में बताते हुए इसकी अवधि और बढ़ाने का फैसला बताया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश भर में लॉकडाऊन 3 मई तक बढ़ाना पड़ रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोगों को खाने, आने जाने में दिक्कत हुई। हमारे त्याग ने देश को बचाया है।

देश के अलग अलग हिस्सों में त्यौहारों का समय है। भारत उत्सवों से भरा रहता है। उत्सवों के बीच खिलखिलाता रहता है।

अनेक राज्यो में नए वर्ष की शुरूआत हुई है। लॉकडाऊन के बंधनों के बीच देश के लोग जिस तरह नियमों का पालन कर रहे हैं, जितने संयम से अपने घरों में रह कर त्यौहार बढ़ी सादगी पूर्ण तरीके से मना रहे हैं।

ये सारी बातें बहुत ही प्रेरक हैं, प्रशंसनीय है। मैं नए वर्ष पर आपके और आपके परिवार की स्वास्थ्य की मंगल कामना करता हूं।

पूरी दुनिया में कोरोना की जो स्थिति है, भली भांति परिचित हैं। अन्य देशों के मुकाबले भारत ने किस ढंग से कोरोना संक्रमण को रोकने के प्रयास किए हैं। आप सभी साक्षी हैं।

जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, उससे पहले ही कोरोना प्रभावित देशों के यात्रियों की चैकिंग एयरपोर्ट पर की। हर एक यात्री के लिए 14 दिन का आइसोलेशन किया था।

साथियों जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत में 21 दिन के सम्पूर्ण लॉकडाऊन का एक बढ़ा कदम उठाया था। भारत ने समस्या बढ़ने का इंतज़ार नहीं किया। बल्कि जैसे समस्या दिखी तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का भरसक प्रयास किया।

ये एक ऐे संकट है, जिसमें किसी भ देश के साथ तुलना करना उचित नहीं है। लेकिन सच्चाई है कि कई विकसित देशों की तुलना में भारत बेहद संभली स्थिति में हैं।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि बहुत से देशों में भारत से 25 से 30 प्रतिशत कोरोना केस ज्यादा हैं। हज़ारों लोगों की दुःखद मृत्यु हो चुकी है।

भारत ने इंटीग्रेटिड एप्रोच न अपनाई होती, समय पर बढ़े फैसले न लिए होते तो आज भारत की स्थित क्या होती, उसकी कल्पना करते ही रौंगटे खड़े हो जाते हैं।

लेकिन बीते दिनों के अनुभवों से ये साफ है कि हमनें जो रास्ता चुना है, आज की स्थिति में वही हमारे लिए सही है। सोशल डिस्टेंसिंग, लॉकडाऊन का बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है। अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो मंहगा जरूरत लगता है। बहुत बढ़ी कीमत चुकानी पड़ी।

सीमित संसाधनों के बीच भारत जिस मार्ग पर चला है, उस मार्ग की चर्चा दुनिया भर में होना स्वभाविक है। देश की राज्य सरकारों ने भी बहुत जिम्मेदारी के साथ 24 घण्टे काम कर हालत को संभाला है।

इन सब प्रयासों के बीच कोरोना जिस तरह फैल रहा है, उसने विश्व भर में एक्सपर्टस और सरकारो को और ज्यादा सतर्क कर दिया है।

भारत में भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई अब आगे कैसे बढ़े, हम विजय कैसे हों, हमारे नुकसान कम से कम कैसे हो, लोगों की दिक्कतें कम कैसे करें, इन बातों को लेकर राज्यों के साथ निरंतर चर्चाएं की हैं।

इन सभी चर्चाओँ में से एक बात उभर के आती है, हर किसी की यही सुझाव आता है, नागरिकों की तरफ से भी यही सुझाव आया है, कि लॉकडाऊन को बढ़ाया जाए।

कई राज्य ये फैसला कर चुके हैं। सभी सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाऊन को अब 3 मई और बढ़ाना पढ़ेगा।

यानि कि 3 मई तक हम सभी को हर देशवासी को लॉकडाऊन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन उसी तरह पालन करना है जैसे करते आ रहे हैं।