Prabhat Times
नई दिल्ली। (delhi Violence) दिल्ली में हुई हिंसा पर पुलिस द्वारा धीरे धीरे किसान नेताओं पर शिकंजा कसा जा रहा है. बीते दिन केस दर्ज करने के बाद अब किसान नेताओं पर बड़ी कार्रवाई करते हुए एफ.आई.आर. में नामजद किसानों के नाम पर लुक आउट नोटिस जारी कर दिया गया है. साथ ही उन्हें पासपोर्ट सरैंडर करने के लिए कहा जाएगा. दिल्ली पुलिस को अंदेशा है कि नामजद नेता कहीं विदेश न चले जाएं.
दिल्ली पुलिस ने बताया है कि इमीग्रेशन की मदद से किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस (LOC) जारी किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस  के दिन हिंसा के मद्देनजर एफआईआर में जिन किसान नेताओं के नाम है, उनसे पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए कहा जाएगा. साथ ही हिंसा के सबूत जुटाए जाएंगे. पुलिस एक नंबर जारी करेगी जिस पर लोग हिंसा के विडियो भेज सकेंगे. साथ ही जगह-जगह पर आरोपियों के पोस्टर्स भी लगाए जाएंगे.
बता दें कि इससे पहले नामजद किसान नेताओं को दिल्ली पुलिस द्वारा नोटिस जारी किया जा चुका है. तीन दिन के भीतर उन्हें नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है. जानकारों का मानना है कि पुलिस द्वारा कानूनी तरीके से किसान नेताओं पर शिकंजा कसा जा रहा है.

पैदल मार्च रद्द, 30 जनवरी को करेंगे एक दिवसीय उपवास

ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर किसान संगठन लगातार बैकफुट पर हैं. गुरुवार को किसान नेता युद्धवीर सिंह ने हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस से माफी मांगी और कहा कि वो इसके कारण काफी शर्मिंदा हैं.
किसान नेता युद्धवीर सिंह बोले कि गणतंत्र दिवस के दिन जो हुआ, वो शर्मनाक हुआ और हम शर्मिंदा भी हैं. कोई भी आंदोलन तभी सफल होता है, जब दोनों ओर से सहयोग हो. युद्धवीर सिंह ने बताया कि मैं गाजीपुर बॉर्डर के पास था, जो उपद्रवी वहां घुसे उसमें हमारे लोग शामिल नहीं थे.
किसान नेता बोले कि हम हिंसा को लेकर निंदा भी कर रहे हैं और इसके प्रायश्चित के लिए 30 जनवरी को एक दिवसीय उपवास भी करेंगे. दिल्ली पुलिस में भी हमारे ही भाई हैं, ऐसे में उनके साथ जिस तरह का बर्ताव हुआ हम दिल्ली पुलिस के जवानों से माफी मांगते हैं.
ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद ही किसान संगठनों ने अब एक फरवरी को निकलने वाले संसद मार्च को रद्द कर दिया है, जबकि 30 जनवरी को उपवास रखने की बात कही है. दिल्ली पुलिस हिंसा को लेकर लगातार एक्शन ले रही है और अबतक दर्जनों एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. 

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