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चंडीगढ़। (Punjab Cabinet Decides to Waive Pending Water Bills) पंजाब सरकार विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की जनता को बड़ी राहत देते हुए पानी का बकाया बिल माफ करने का फैसला लिया है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ये प्रदेश सरकार की बड़ी घोषणा है। इसके अलावा चन्नी मंत्रिमंडल ने समूह-डी पदों के लिए नियमित आधार पर नियुक्तियां करने का भी निर्णय लिया है, जिसमें चपरासी, चालक आदि शामिल हैं।
आज चरणजीत सिंह चन्नी सरकार ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत देते हुए उनके बकाया पानी के बिल माफ करने का फैसला लिया है। अगले साल शुरू होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर प्रदेश की जनता के लिए ये बड़ी राहत है। इस फैसले से राज्य सरकार पर करीब 1800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। साथ ही कैबिनेट ने पानी का शुल्क 50 रुपये प्रति माह तय करने का फैसला किया है। अब पंजाब के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पानी के बिल का फ्लैट रेट 50 रुपए प्रति माह कर दिया गया है। पहले यह मिनिमम 166 रुपए था। इससे आम लोगों को 70 फीसदी तक का फायदा हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते थे कि पानी बिल्कुल निशुल्क कर दिया जाए। मगर ऐसा नहीं हो सकता। केंद्र के नियम के अनुसार इसके पैसे लेने जरूरी हैं और इसी के बाद उन्हें फंड मुहैया हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, ”हम सभी शहरों का 700 करोड़ रुपये का बकाया पानी माफ कर रहे हैं।” चन्नी ने कहा कि कैबिनेट ने फैसला किया है कि राज्य सरकार जलापूर्ति ट्यूबवेल के बिजली बिल का भुगतान करेगी। उन्होंने कहा, “गांवों में, पंचायतों के लंबित पानी के बिल भी माफ कर दिए जाएंगे,” उन्होंने कहा कि ये लगभग 1,168 करोड़ रुपये होंगे।

दर्जा चार मुलाजिमों की होगी रेगुलर भर्ती

कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है कि अब अन्य कैडर की तरह दर्जा चार मुलाजिमों जिनमें चपरासी, बेलदार, ड्राइवर आदि शामिल हैं, की भर्ती भी रेगुलर की जाएगी। पहले यह भर्ती ठेके पर की जाती थी। यही नहीं चपरासी की पोस्टें तक खत्म हो रही हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि जब अफसर रेगुलर भर्ती हो रहे हैं, तो ड्राइवर और चपरासी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। जो लोग सरकार के पास काम करते हैं, उनका घर चलाने की जिम्मेदारी भी तो सरकार की ही है।

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