Prabhat Times
नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में आने वाले दिन उठापटक के होने वाले हैं. नेताओं के बीच चल रहे घमासान को शांत करने के लिए गठित की गई तीन सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट आज सोनिया गांधी को सौंप दी है. अति सुविज्ञ सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि कमेटी ने राज्य में कांग्रेस को मजबूत करने तथा विधायकों की शिकायतों को लेकर तो कांग्रेस हाईकमान को स्पष्ट बताया है, लेकिन कैप्टन और नवजोत सिद्धू विवाद शांत करने के लिए बेहद डिप्लोमैटिक सुझाव दिया है. सिद्धू को लेकर कमेटी ने लखा है कि उन्हें पॉलिटिकली एडजस्ट किया जाए. लेकिन कैसे, इस बारे में कांग्रेस हाईकमान को ही फैसला लेना होगा.
बता दें कि राज्य कांग्रेस में हुए घमासान पर हाईकमान ने कमेटी गठित की थी। इस कमेटी के सामने पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह समेत नवजोत सिद्धू और अन्य नेता उपस्थित हो चुके हैं. अब कमेटी ने चार पन्नो की अपनी रिपोर्ट दे दी है. सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में कही गई बातें कुछ इस प्रकार हैं…
कैप्टन अमरिंदर सिंह के काम करने के स्टाइल से कांग्रेस विधायक नाराज हैं. कैप्टन कांग्रेस के विधायक और नेताओं से महीनों नहीं मिलते. जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ी है.
कांग्रेस के विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए तुरंत पंजाब कांग्रेस का पुनर्गठन किया जाए. पार्टी के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं और नेताओं को इसमें जगह दी जाए.
रिक्त पड़े निगम/बोर्ड और दूसरी जगहों पर कांग्रेस के लोगों को नियुक्त किया जाए. नवजोत सिद्धू की नाराजगी दूर करने के लिए कमेटी ने सिफारिश दी है कि उन्हें तुरंत पॉलिटिकली एडजस्ट किया जाए. सिद्धू को क्या पद देना है इसका आखिरी फैसला सोनिया गांधी और कांग्रेस आलाकमान करेगा. सूत्रों के मुताबिक सिद्धू अब कैप्टन अमरिंदर सिंह के मातहत काम नहीं करना चाहते. कमेटी ने कहा है कि बेअदबी का मुद्दा संवेदनशील है. इसलिये इसको लेकर कमेटी कोई सिफारिश नहीं करेगी. जो भी प्रशासनिक फैसला करना है वो मुख्यमंत्री करें. रिपोर्ट बनाते वक्त कमेटी के तीनों सदस्य कई मुद्दों पर एक-दूसरे से असहमत थे, लेकिन आखिरी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आम राय से भेजी गई.

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