जालंधर (ब्यूरो): देश इस समय संकट के दौर से गुज़र रहा है। लोग घरों में लॉकडाऊन हो हैं। पिछले 21 दिनों से लॉकडाऊन तथा कर्फ्यु की स्थिति के कारण कारोबार बंद हो चुके हैं।

ऐसी विकट परिस्थितियों में देश तथा राज्य सरकारें भी मुश्किल दौर में हैं। क्योंकि देश तथा राज्य सरकार के सामने चुनौती है कि हर नागरिक को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाना।

लॉकडाऊन, कर्फ्यु की स्थिति में कारोबार बंद होने के कारण लोगो के साथ साथ सरकारों को भी करोड़ों का रोजाना रैविन्यू लॉस झेलना पड़ रहा है।

अब हर एक राज्य की सरकार मंत्रीमंडल में विचार विमर्श कर रही है कि आखिर किस ढंग से काम किया जाए कि लोगों की जरूरतें पूरी करने के लिए रैविन्यू एकत्र हो सके।

सूत्रों ने बताया कि ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार द्वारा एक्साईज़ विभाग से जुड़े प्रमुख कारोबार शराब ठेके खोलने पर गहराई से विचार कर रही है। बता दें कि हर एक प्रदेश सरकार की आर्थिक रीढ़ एक्साईज़ रैविन्यू होता है।

शराब ठेकों से ही सरकार को हर साल करोड़ों का रैविन्यू मिलता है। बीते दिन पंजाब प्रदेश के वित मंत्री मनप्रीत सिंह बादल भी शराब ठेके खोलने की बात कर चुके हैं।

सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में एक प्रस्ताव विभाग द्वारा मुख्यमंत्री को भेज दिया गया है।

पंजाब में खुल सकते हैं शराब ठेके, लेकिन शर्तों के साथ

सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार के आगे सबसे बढ़ी चुनौती यही है कि लॉकडाऊन भी रहे, लोगों की जरूरतें पूरी करने के लिए सरकार को रैविन्यू मिले।

जो रैविन्यू मिले उसे नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। सूत्रों ने बताया कि पंजाब सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार विमर्श कर रही है। बताया जा रहा है कि दिल्ली व हरियाणा में बुधवार से शराब ठेके खुल सकते हैं।

इसी तर्ज पर अब पंजाब सरकार भी काम कर सकती है। पता चला है कि बुधवार से पंजाब में भी शराब ठेके खुलने के निर्देश जारी हो सकते हैं। लेकिन कुछ शर्तें होंगी। जिनमें अहाते नहीं खुलेंगे। और शराब ठेके खुलने का समय भी निर्धारित हो सकता है।

पता चला है कि शराब ठेकेदारों भी सरकार से इस बाबत बातचीत की जा चुकी है। सरकार द्वारा जो शर्तें भी तय हो रही हैं वे आपसी सहमती के साथ ही हो रही है। प्रदेश सरकार लक्ष्य है कि लॉकडाऊन, कर्फ्यु भी लागू रहे और रैविन्यू भी आना शुरू हो जाए।

रोजाना 15 करोड़ रुपये का नुकसान

राज्य में शराब के ठेके बंद होने से सरकार को रोजाना करीब 15 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। बीते एक महीने के दौरान सरकार को करीब 450 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है।