चंडीगढ़ (ब्यूरो): पहले से ही कोरोना की मार झेल रही पंजाब की जनता पर एक बार फिर सरकार अतिरिक्त बोझ डालने का फैसला किया है। अपनी जेब यानिकि खजाना भरने के लिए पंजाब सरकार की नज़र एक बार फिर जनता की जेब पर है।

आज हुई कैबिनेट की बैठक में पंजाब सरकार द्वारा इंतकाल फीस डबल करने का बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने ये फैसला कर खजाना भरने का टारगेट भी फिक्स किया है, लेकिन आम जनता का क्या होगा, इसके बारे में फिलहाल सरकार ने नहीं सोचा।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में आज पंजाब मंत्रीमंडल की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। जैसे कि कैबिनेट ने पंजाब में जमीन की इंतकाल फीस को 300 से बढ़ाकर 600 रुपए कर दिया है। 

सरकार के इस फैसले से प्रदेश के खजाने को 10 करोड़ रुपए का लाभ होगा। इंतकाल फीस बढ़ाने का फैसला प्रदेश की वित्तीय हालत सुधारने के मद्देनजर लिया गया है।

राज्य में 1990 से पहले जमीनों के इंतकाल के लिए फीस केवल 1 रुपया फीस होती थी। बाद में सरकारों ने इसे बढ़ाकर 50 कर दिया गया। बेअंत सिंह सरकार की आई तो 100 कर दी गई।

फिर मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल की सरकार में 150 रुपए कर दी गई। उसके बाद अकाली-भाजपा सरकार ने दोगुनी वृद्धि करते हुए 300 कर दी। उसी तर्ज पर अब मौजूदा कांग्रेस सरकार भी इसे दोगुना करते हुए 600 रुपए कर दिया है।

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