Prabhat Times
चंडीगढ़। समाज के कमजोर और दबे-कुचले वर्गों को बड़ी राहत देते हुये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू (Balbir Singh Sidhu) ने आज ऐलान किया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने सरबत सेहत बीमा योजना के अधीन आते कोविड-19 के मरीजों को सूचीबद्ध प्राईवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज देने का फैसला किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 8000 रुपए से 18,000 रुपए प्रति दिन की तय इलाज दरों पर कोविड का इलाज प्रदान करने के समर्थ अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध होगी और यही इलाज दरें आम जनता के लिए राज्य के प्राईवेट अस्पतालों के लिए तय की गई हैं।
उन्होंने कहा कि राज सरकार तय दरों में से बीमा कंपनी द्वारा अदायगी योग्य खर्च को घटाने के बाद बचे सभी इलाज खर्च को वहन करेगी। स. सिद्धू ने स्पष्ट किया कि निर्धारित की गई इलाज दरों में बैड, पीपीइ किटें, दवाएँ, कंज्यूमएबलज, निगरानी/नर्सिंग केयर, डाक्टर की फीस, जांच, आक्सीजन आदि का खर्च शामिल हैै।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस बीमा योजना के अंतर्गत लाभार्थी कोविड-19 के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों से बिना किसी रैफरल की जरूरत के सीधे सूचीबद्ध प्राईवेट अस्पतालों में जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस कदम से राज्य के कमजोर और जरूरतमंद वर्ग को बड़ी राहत मिलगी जो अब सूचीबद्ध प्राईवेट अस्पतालों में स्तर-2 और स्तर-3 की इलाज सेवाएं ले सकेंगे।
उन्होंने बताया कि इससे पहले इन सूचीबद्ध प्राईवेट अस्पतालों में उपलब्ध इलाज सेवाओं का खर्च भारत सरकार द्वारा तय की सरबत सेहत बीमा योजना स्कीम की दरों के अनुसार अदायगी योग्य था जिसकी इलाज दरें 1,800 रुपए से 4,500 रुपए तक थी जोकि एक अस्पताल के लिए कोविड -19 मरीज के इलाज खर्चा को पूरा करने के लिए बहुत कम थी, जिसमें पीपीइ किटें, मास्क, कंज्यूमएबलज, आइसोलेशन आदि का अतिरिक्त खर्चा भी शामिल है।
स. सिद्धू ने कहा कि हालाँकि सरकारी अस्पतालों में शुरू से ही कोविड-19 लाभार्थी मरीजों का इलाज पूरी तरह मुफ्त रहा है परन्तु समाज के एक बड़े हिस्से को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने अतिरिक्त खर्च वहन करने और कोविड-19 के मरीजों के लिए स्कीम के अंतर्गत निर्धारित दरों पर सूचीबद्ध प्राईवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज की अनुमति देने का फैसला किया।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस योजना की शुरुआत से लेकर आयुषमान भारत सरबत सेहत बीमा योजना को राज्य भर में भरपूर समर्थन मिला। इस योजना के अंतर्गत 748 करोड़ रुपए की लागत से 6.77 लाख से अधिक इलाज सेवाएं दी गई, 867 अस्पताल सूचीबद्ध किये गए (241 सरकारी अस्पताल और 626 प्राईवेट अस्पताल) और 76 प्रतिशत से अधिक योग्य परिवारों को ई-कार्ड जारी किये गए जिससे आयुषमान भारत सरबत सेहत बीमा योजना को और बल मिला।
उन्होंने आगे कहा कि कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर जिस ने पूरे राज्य को अपनी जकड़ में ले लिया और सेहत बुनियादी ढांचे पर दबाव बना दिया, के कारण सरकारी अस्पतालों को कोविड-19 संकट से निपटने पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए चुनिन्दा सर्जरियों/गैर-कोविड इलाज को स्थगित करना पड़ा।
इसलिए, इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को परेशानी रहित इलाज देने के लिए राज्य सरकार ने हाल ही में सरकारी अस्पतालों में आरक्षित 55 सर्जीकल ट्रीटमैंटों को डी-रिजर्व कर दिया जिससे लाभार्थी यह इलाज सूचीबद्ध प्राईवेट अस्पतालों में भी ले सकें।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने जोर देते हुये कहा कि आयुषमान सरबत सेहत बीमा योजना के सफलतापूर्वक लागूकरन के लिए यह महत्वपूर्ण है कि निजी स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र की क्षमताओं को प्रयोग में लाने के साथ साथ सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवाओं के मानक में विस्तार किया जाये जिससे गरीब और दबे कुचले वर्ग के लिए जरूरी स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को यकीनी बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के मानक और अनुकूलता की निगरानी करना और अस्पतालों के लिए अपने स्टाफ और लाभार्थियों को रोकथाम उपायों के बारे जागरूक करना और इस महामारी के समय के दौरान उनकी सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देशों का होना भी इतना ही जरूरी है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि राज्य के गरीब परिवारों से सम्बन्धित मरीजों को इस स्कीम की शुरुआत से लेकर 6.77 लाख इलाज सेवाएं (प्राईवेट अस्पतालों में 4.01 लाख और सरकारी अस्पतालों में 2.75 लाख) मुहैया करवाना एक बड़ी सफलता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि इस फैसले का मकसद राज्य के तकरीबन 39.57 लाख गरीब परिवारों को वित्तीय जोखिम सुरक्षा प्रदान करना है और व्यापक स्वास्थ्य कवरेज की प्राप्ति की तरफ कदम उठाना है।

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