चंडीगढ़ (ब्यूरो): पंजाब पुलिस ने खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (के.एल.एफ) के 3 सदस्यों की गिरफ़्तारी किया है। इसके साथ ही सामाजिक-धार्मिक नेताओं को निशाना बनाने और राज्य की सांप्रदायिक सदभावना को भंग करने की पाकिस्तान से समर्थन प्राप्त आतंकवादियों की एक बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया है। पंजाब पुलिस ने इस साल के पहले छह महीनों में ही कुल 9 आतंकवादी मॉड्यूलों का पर्दाफाश किया है।

सऊदी अरब और यूके आधारित

पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता के अनुसार आतंकवादी मॉड्यूल पाकिस्तान, साउदी अरब और यूके आधारित खालिस्तानी समर्थकी तत्त्वों के इशारे पर पंजाब के विभिन्न हिस्सों में चल रहा था। श्री गुप्ता ने बताया कि कथित आतंकवादियों के पास से एक 32 बोर पिस्तौल और 7 कारतूस बरामद हुए हैं।

इन्हें किया गया गिरफ्तार

इन आतंकवादियों की पहचान सुखचैन सिंह निवासी गाँव सेहरा पुलिस थाना गंडा खेड़ी जि़ला पटियाला, अमृतपाल सिंह निवासी गाँव अचानक पुलिस थाना बोहा जि़ला मानसा और जसप्रीत सिंह निवासी बोरेवाल सोहन थाना मजीठा के तौर पर हुई है।

इनके एक अन्य साथी लवप्रीत सिंह निवासी कैथल को हाल ही में दिल्ली पुलिस ने केएलएफ के अन्य सदस्यों समेत पहले ही गिरफ़्तार कर लिया गया है।

सोशल मीडया से संपर्क में आए

डीजीपी ने बताया कि तीनों व्यक्ति सोशल मीडिया के द्वारा एक दूसरे के संपर्क में आए थे। यह फिर पाकिस्तान आधारित संचालकों के संपर्क में आए।

जिन्होंने उक्त व्यक्तियों को सामाजिक-धार्मिक नेताओं को निशाना बनाने और पंजाब की अमन-शांति और कानून व्यवस्था को भंग करने के लिए भडक़ाया।

अमृतपाल सिंह ने सुखचैन और लवप्रीत सिंह को मिलाने और ख़तरनाक एजंडे को आगे बढ़ाने सम्बन्धी प्रेरित करने में अग्रणी भूमिका निभाई।

सऊदी अरब से भी मदद

प्राथमिक जांच से पता चलता है कि इन व्यक्तियों के पाकिस्तान आधारित संचालकों ने उक्त व्यक्तियों को भविष्य की कार्यवाही योजना बनाने के लिए पाकिस्तान आने का न्योता भी दिया था।

सऊदी अरब आधारित एक विदेशी संचालक ने कार्यवाहियों को अंजाम देने के बाद इन व्यक्तियों को पनाह देने का वायदा किया था।

इनके खि़लाफ़ थाना सदर, समाना, जि़ला पटियाला में अवैध गतिविधियों (रोकथाम) एक्ट, 1967 की धारा 13, 16, 18, 20 और आर्म्ज़ एक्ट की धारा 25 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई है।

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