Prabhat Times
जालंधर। चार साल बीत जाने के बावजूद पंजाब (punjab) की कांग्रेस (congress) सरकार द्वारा किए गए वायदे पूरे न किए जाने तथा सफाई सेवकों के हित में कोई भी कार्य न किए जाने से पंजाब सफाई मजदूरों में रोष पाया जा हा है। पंजाब सफाई मजदूर फैडरेशन पंजाब ने कहा है कि सरकार के इस उदासीन रवैये का खामिजाया आने वाले विधानसभा चुनावों में भुगतना पड़ सकता है।
पंजाब सफाई मजदूर फैडरेशन की बैठक आज जालंधर में प्रदेश प्रधान चंदन ग्रेवाल की अध्यक्षता में हुई। जिसमें फैडरेशन से जुड़ी सफाई सेवकों की सभी जत्थेबंदियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक मे शामिल होने वालों में सज्जन सिंह चंडीगढ़, विनोद बिट्टा, सुरिन्द्र टोना, (अमृतसर) दुनिला राम सुमन, विजय मानव (लुधियाना), बन्नी (नाभा), रमन कुमार (हरियाणा), सागर गढ़दीवाल, बलकार सिंह, प्रवीण (रोपड़), राजा (होशियारपुर), मंगी, विनोद कुमार, सुरेन्द्र सेठी, बन्नी मौजूद थे।
बैठक के पश्चात फैडरेशन के प्रदेश प्रधान चंदन ग्रेवाल ने बताया कि पंजाब भर से आए पदाधिकारियों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। चंदन ग्रेवाल ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने चार साल बीत जाने के बावजूद सफाई सेवकों की लंबे अर्से से चली आ रही किसी मांग को पूरा नहीं किया है।
सफाई सेवकों की पक्की भर्ती करना, ठेकेदारी सिस्टम बंद करना, पैंशन बहाली करना, सफाई सेवकों, सीवरमैन को सरकारी बीमा योजना के अंर्तगत लाना, पे-स्केल लागू करना इत्यादि मांगे प्रमुख है। इन मांगो संबंधी समय समय पर फैडरेशन द्वारा सरकार को ज्ञापन के ज़रिए बताया जाता रहा है। लेकिन कांग्रेस सरकार का रवैया नकारात्मक ही रहा।
चंदन ग्रेवाल ने बताया कि सफाई सेवकों को उम्मीद थी की बज़ट मे उनकी समस्याओं की तरफ भी गौर किया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पंजाब सरकार द्वारा पेश किया गया बजट पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी ही है।
चंदन ग्रेवाल ने कहा कि बैठक में गंभीरता से विचार विमर्श के पश्चात फैसला लिया गया है कि फैडरेशन व इससे जुड़ी सभी जत्थेबंदियों की राज्यस्तरीय बैठक 7 अप्रैल को राजपुरा में की जाएगी।
जिसमें कर्मचारियों की मांगो संबंधी विचार विमर्श किया जाएगा और कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार की जाएगी, जिससे पंजाब सरकार की नींद खुले।
एक सवाल के जवाब में चंदन ग्रेवाल ने कहा कि कर्मचारियों की मांगे पूरी करवाने के लिए अगर फैडरेशन को तीखे संघर्ष की रूप रेखा भी तैयार करनी पड़ी तो वे करेंगे। उन्होने कहा कि 7 अप्रैल की बैठक में तय किया जाएगा कि संघर्ष किस स्तर पर किया जाएगा।

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