कपूरथला (ब्यूरो): जैव विविधता के रखरखाव में महिलाओं की भूमिका बेहद अहम है। इसलिए ही हमारी तमाम पीढ़ियां इस परपंरागत रिवायत को अपनाती आई हैं। जैव विविधता के रखरखाव के लिए सबसे पहले महिलाएं ही फैसले लेती हैं।

पर्यावरण मंत्रालय के सहयोग से जैव विविधता का पैन इंडिया अवार्ड भी शुरू किया गया है। इसके लिए अब तक 50 व्यक्तियों और संस्थाओं को चुना गया है और इनमें कुछ संस्थाओं की प्रमुख महिलाएं ही हैँ।ये विचार पुष्पा गुजराल सांइस सिटी की तरफ से पर्यावरण दिवस पर पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय वेबिनार के दूसरे दिन यूनाइटिड नेशन विकास प्रोग्राम भारत की जैव विवधिता विभाग की प्रमुख डा. रुचि पंथ ने “जब महिलाएं अगुवा हों” विषय पर विचार पेश करते हुए किया। इस वेबिनार की शुरूआत डायरेक्टर जनरल डा. नीलिमा जैरथ की तरफ से सबका स्वागत करके किया गया।श्रीमती रुचि पंथ ने बताया कि तेलगांना के संगम वुमैन फार्म ग्रुप की तरफ से पुरातन खेती तकनीकों का प्रयोग, बीजों की संभाल और भोजन (पौधे और जानवर) के लिए असम, केरला और उडीसा में अथक प्रयास किए जा रहे हैं। गुजरात में बेल शार्क मछली को परंपरागत तरीके से संभाला जा रहा है।

तामिलनाडू से बायो डायवर्सिटी अवार्ड और नारी शक्ति अवार्ड प्राप्त प्रवाथी नागराज ने अपने उत्साहित होने के बारे में बताया कि पुडुचेरी में सैंकड़ों महिलाएं जंगली जड़ी-बूटियों से दवा बनाने, सुंदरता और पशुओं की दवा बनाने में लगीं हुई हैं और रोज़गार पक्ष से आत्मनिर्भर हो रही हैं। इस वेबिनार से दूसरे दिन पंजाब के विभिन्न स्कूलों के करीब 100 विद्यार्थी ऑनलाइन जुड़े।