कपूरथला (ब्यूरो): भारत में जंगल वातावरण संतुलन बनाई रखने का प्रमुख स्रोत हैं। जंगलों के पक्ष से भारत का दुनिया के 10 चोटी के देशों में नाम आता है। जंगलात की राष्ट्रीय नीति के मुताबिक सभी भारत का 33 प्रतिशत इलाका जंगला के अधीन होना चाहिए।

भारतीय उपग्रहों के मापदंडों के अनुसार 2012 तक भारत का लगभग 70 लाख हेक्टेयर इलाका जंगल के अधीन बढ़ाया गया है। बीते दो सालों दौरान 5, 871 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल जंगल के अधीन बढ़ाया गया है।

मौजूदा समय में जंगलों की कटाई को चाहे बहुत गंभीरता से लिया गया है, परंतु धरती के जीव-जंतुओं को बचाने के और यत्न होने अभी बाकी हैं।

यह जानकारी पुष्पा गुजराल सांइस सिटी की तरफ से वन मोहत्सव के मौके पर करवाए गए वेबिनार में अकेडमी फार स्टेट फारेस्ट सर्विस के प्रिंसिपल कुनाल सत्यार्थी ने विद्यार्थियों और अध्यापकों स सांझा करते हएु दी।

इस प्रोग्राम का आयोजन जंगलात और जंगली जीव सुरक्षा विभाग पंजाब की तरफ से किया गया है। सत्यार्थी ने बताया कि जंगलों की कटाई करके धरती के जीव-जंतुओं की 10 लाख प्रजातियां खत्म हो चुकी हैँ।

जीव-जंतुओं की हर साल 50000 प्रजातियां धरती से लुप्त होती हैं, जिससे धरती का संतुलन बिगड़ने का ख़तरा हर समय मंडराता है, इसलिए यह मौके है कि हम अधिक से अधिक लोगों को पेड़ लगाने की तरफ प्रेरित करें, जिससे वैश्विक तपिश से बचा जा सके।

साइंस सिटी की डायरेक्टर जनरल डा. नीलिमा जैरथ ने विद्यार्थियों को संबोधन करते हुए बताया कि पंजाब का 84 फ़ीसदी इलाका कृषि और बाग़बानी अधीन है। जबकि 15 से 19 फ़ीसदी इलाका जंगला अधीन होना चाहिए। यदि हम पंजाब का 19 प्रतिशत क्षेत्रफल जंगल के अधीन करना है तो हमें अधिक से अधिक इस तरफ़ कदम उठाने होंगे।

उन्होंने कहा कि पुष्पा गुजराल साइंस सिटी इस तरफ़ हमेशा यतनशील रहा है। साइंस सिटी के पास जैविक विभिन्नता को दिखाते कैक्टस और हर्बल गार्डन हैं, जिनमें ख़त्म होने की कगार पर पहुुंच चुके पौधों की प्रजातियों को संभाला गया है।

इस मौके सांइस सिटी के डायरेक्टर डा.राजेश ग्रोवर भी मौजूद थे। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि साइंस सिटी की तरफ से इस मौके सोशल मीडिया के द्वारा विषय से संबंधित फोकी तरफ फोटो भी मांगीं गई थी। तकरीबन 271 फ़ोटो साइंस सिटी ने प्राप्त की हैं। इनमें से चुनीं गई फोटो को साइंस सिटी की वेबसाइट पर डाली जाएंगी।

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