Prabhat Times
नई दिल्ली। रूस की कोरोना वैक्सीन को भारत में बेचने के लिए भारत की बड़ी फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डीज (Dr Reddy’s) के साथ डील हो गई है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रूस का सॉवरेन वेल्थ फंड (Sovereign Wealth Fund) आरडीआईएफ (RDIF-Russian Direct Investment Fund) भारत की डॉ. रेड्डीज (Dr Reddy’s) को 10 करोड़ डोज़ बेचेगा।
इसके लिए भारत की ओर सभी रेग्युलेटरी मंजूरी मिल गई है। आपको बता दें कि इस खबर के बाद डॉ. रेड्डीज के शेयर में जोरदार तेजी आई।
बुधवार को कंपनी का शेयर 4.36 फीसदी की बढ़त के साथ 4637 रुपये के भाव पर बंद हुआ।
रूस की कोरोनो वैक्सीन के बारे में जानिए-रूस ने इस वैक्सीन का नाम ‘स्पूतनिक वी’ दिया है।
रूसी भाषा में ‘स्पूतनिक’ शब्द का अर्थ होता है सैटेलाइट। रूस ने ही विश्व का पहला सैटेलाइट बनाया था। उसका नाम भी स्पूतनिक ही रखा था।
इसलिए नए वैक्सीन के नाम को लेकर ये भी कहा जा रहा है कि रूस एक बार फिर से अमेरिका को जताना चाहता है कि वैक्सीन की रेस में उसने अमेरिका को मात दे दी है, जैसे सालों पहले अंतरिक्ष की रेस में सोवियत संघ ने अमेरिका को पीछे छोड़ा था।
रूस 11 अगस्त को कोविड-19 की वैक्सीन को मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था। यह वैक्सीन अगले साल एक जनवरी से आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी।
रूस के गैमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट और रक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ‘स्पूतनिक-5’ के नाम से जानी जाने वाली कोरोना वैक्सीन सबसे पहले कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों को दी गई।
इस वैक्सीन का उत्पादन संयुक्त रूप से रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) द्वारा किया जा रहा है।