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जालंधर। (SAD BSP candidate dr sukhvinder sukhi jalandhar election) शिरोमणी अकाली दल-बहुजन समाज पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार डाॅ. सुखविंदर कुमार सुक्खी ने कहा है कि पंजाब में महिलाएं सुरक्षित नही हैं।

मुख्यमंत्री भगंवत मान ने एक टेलीविजन पत्रकार को सिर्फ इसीलिए गिरफ्तार करने का आदेश दिया, क्योंकि महिला पत्रकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने आधिकारिक आवास के नवीनीकरण पर 44 करोड़ रूपये खर्च करने की रिपोर्ट दी थी।

अकाली दल अध्यक्ष के साथ छावनी क्षेत्र में एक विशाल जनसभा संबोधित करते हुए शिअद-बसपा के सांझा उम्मीदवार ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।उन्होने कहा, ‘‘ जिस तरह से टेलीविजन पत्रकार भावना किशोर की गिरफ्तारी का आदेश किदया गया, उसी तरह अरविंद केजरीवाल और केंद्र सरकार के इशारे पर निर्दोष सिख नौजवानों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कड़े मामले दर्ज किए गए।

उन्होने विभिन्न बेब चैनलों पर प्रतिबंध लगाने के अलावा सच बोलने वाले बुद्धिजीवियों और कलाकारों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए, क्योंकि वे राजनीतिक आकाओं को प्रचार को फैलाने का काम नही किया’’।

इस बात पर जोर देते हुए कि इस उपचुनाव में लड़ाई उन लोगों के बीच है, जो सार्वजनिक जीवन में सरदार परकाश सिंह बादल द्वारा निर्धारित आदेशों के अनुसार ईमानदारी का पालन करते हैं, और झूठ बोलने को तैयार हैं।

उन्होने कहा कि पंजाबियों को दो बार धोखा दिया गया है। उन्होने कहा , ‘‘ कैप्टन अमरिंदर सिंह राज्य में पवित्र गुटका साहिब की कसम खाकर सत्ता में आए थे कि वह सभी किसानों का कर्ज माफ कर देंगें, लेकिन ऐसा नही किया गया।

इसी तरह आप पार्टी ने शपथ ली कि वह नौजवानों को सरकारी नौकरी और सभी महिलाओं को 1000 रूपया प्रति माह देगी, लेकिन सत्ता में आने के बाद वह इन वादों को भूल गई’’।

कांग्रेस और आप पार्टी दोनों को हराने की जरूरत के बारे में बात करते हुए डाॅ. सुक्खी ने कहा, ‘‘ इन दोनों पार्टियों ने आपको धोखा दिया है’’।

उन्होने कहा कि अकाली-बसपा गठबंधन की जीत से यह स्पष्ट संकेत जाएगा कि पंजाबी सरदार परकाश सिंह बादल की जनसमर्थक और विकास समर्थक नीतियों की ओर लौटना चाहते हैं’’।

डाॅ. सुक्खी ने बताया कि कैसे आप पार्टी की सरकार दलित समुदाय से भेदभाव कर रही है और कैसे उसने उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर कहा कि अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के पास राज्य में कानून अधिकारियों के रूप में सेवा करने की क्षमता नही है।

डाॅ.सुक्खी ने कहा,‘‘अगर आप पार्टी की सरकार को लगता है कि अनुसूचित जाति कानून अधिकारी बनने के लायक नही है तो आप उम्मीदवपर भी लोकसभा में चुने जाने के लायक नही है और दलित समुदाय की ओर से इस मुददे पर 10 मई को उनकी राय स्पष्ट जानी चाहिए’’।

इससे पहले अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि कैसे मुख्यमंत्री केंद्र के सामने किसानों के मुददों को उठाने में नाकाम रहे , जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीण विकास कोष (आरडीएफ) को समाप्त कर दिया गया, जिसे राज्य द्वारा एकत्र किया जा रहा था तथा साथ ही खाद्यान्न पर मंडी शुल्क पर कमी आई है।

उन्होने कहा कि इन दोनों फैसलों से राज्य को प्रति वर्ष 2000 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है, जिसके कारण ग्रामीण बुनियादी ढ़ांचा , विशेष रूप से सड़कों की स्थिति बदतर हो गई है।

 

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