Prabhat Times
जालंधर। प्रत्येक साल की तरह इस साल भी सतगुरु दलीप सिंह जी की छत्रछाया में नामधारी संगत द्वारा शुरू किया गया 40 दिन का वार्षिक जप-प्रयोग, अंत में अस्सू के मेले के रूप में, आपसी एकता, प्रेम, ज्ञान, भक्ति और वैराग्य के रंग बिखेरता हुआ सम्पन्न हुआ।
इस दौरान अनुशासन के नियमों का भी पूरी तरह से पालन किया गया और प्रत्येक प्रोग्राम को लाइव टेलेकास्ट कर, दूर बैठी संगतों तक संचारित किया गया।
वर्णनयोग्य है कि नामधारी पंथ के सृजनहार सतगुरु राम सिंह जी द्वारा दर्शाये गए दिशा-निर्देश अनुसार चलते हुए, नामधारी सिक्ख प्रत्येक वर्ष जप-प्रयोग के आयोजन द्वारा अपने जीवन को गुरु वाणी अनुसार जीने तथा इस पर दृढ रहने का अभ्यास करते हैं।
इस दौरान अमृत वेले से लेकर शाम तक लगभग 8-9 घण्टे परमात्मा के साथ जुड़कर, एकाग्रचित हो कर सिमरन-साधना का अभ्यास, कथा-कीर्तन, गुरु इतिहास की जानकारी लेते हुए एक आदर्श जीवन जीने के गुण सीखते हैं।
इस समागम में विशेष रूप से सतगुरु दलीप सिंह जी ने विदेश से लाईव दर्शन देकर अपने प्रवचनों से निहाल किया।
आपने संगत को गुरुवाणी आशय अनुसार चलते हुए अपने परिवारिक व समाजिक जीवन सुखी रखने एवं आदर्श जीवन जीने के तरीके बताते हुए एक दूसरे से मीठा बोलने, क्षमा करने, विनम्रता जैसे गुण धारण करने की शिक्षा दी।
इसके साथ ही संगत में आकर सेवा-सिमरन कर अपने आप में विनम्रता लाने तथा सतगुरु जी की खुशियां प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
सतगुरू महाराज ने कहा कि सतगुरु गोबिंद सिंह जी महान विद्या के दाते थे, अतः उनकी वाणी में सर्वोत्तम काव्य रचना की हुई है, इसलिए हमें उनकी वाणी का रसास्वादन करते हुए ज्ञान हासिल करने की जरूरत है।
आपने यह भी कहा कि हम सभी को मिल कर रहना चाहिए, अपने भगवान एवं सतगुरु के नाम पर समाज को बाँटना नहीं चाहिए।
इसके साथ ही आपने भारतीय सभ्यता तथा सतगुरु राम सिंह जी द्वारा बताई हुई मर्यादा को अपनाकर अपने आप को करोना जैसी बीमारी को दूर भगाने की सलाह दी।
40 दिन लगातार चलता हुआ यह कार्यक्रम प्रतिदिन आनन्द और सकारात्मक-ऊर्जा प्रदान करता रहा।
इन दिनों में वातावरण को शुद्ध करने लिए हवन आदि भी मर्यादा अनुसार किए गए। इस शुभ अवसर पर कुछ खास शख्सियतों ने ही शामूलियत की।
यहाँ का वातावरण पेम, भक्ति और वैराग्य से परिपूर्ण था और संगत सतगुरु जी के दर्शन के लिए विह्वल हो रही थी।
यह सारा कार्यक्रम गुरुद्वारा श्री जीवन नगर कमेटी के प्रधान संत सुखदेव सिंह, वकील नरिंदर सिंह, सूबा बलजीत सिंह, सूबा दर्शन सिंह, सूबा अमरीक सिंह, संत अजीत सिंह सन्तावाली, मुख्त्यार सिंह, जसपाल सिंह संतावाली, अंग्रेज सिंह, हरभेज सिंह, संत गुरदयाल सिंह मौजी, रघबीर सिंह बाजवा तथा देव सिंह आदि के सहयोग से सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर जथेदार गुरदीप सिंह, कवि पंजाब सिंह पंजाब, प्रिंसिपल रणबीर सिंह, भगता सिंह, मनमोहन सिंह पलिए वाले तथा जथेदार अमरीक सिंह ने अपने कीर्तन से सब को निहाल किया।
ये भी पढ़ें