Prabhat Times
जालंधर। स्कॉलरशिप घोटाले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग को लेकर कांग्रेसी सांसद के घर के बाहर धरना लगाने वाले वरिष्ठ अकाली नेता एच.एस. वालिया व शिअद वर्करों पर केस दर्ज करने का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है।
शिरोमणि अकाली दल हल्का शाहकोट के वरिष्ठ नेता डाक्टर अमरजीत सिंह थिंद, महितपुर के शहरी प्रधान रमेश कुमार वर्मा, वर्किंग कमेटी के सदस्य बलजिन्द्र सिंह कंग, लैंड बैंक के चेयरमैन नछत्तर सिंह, जनरल कौंसल के सदस्य सुखवंत सिंह रौली ने आज स्पष्ट कहा है कि कांग्रेस सरकार मे अकाली नेताओं व वर्करों पर झूठे केस दर्ज करने से शिअद पीछे हटने वाला नहीं है।
डाक्टर अमरजीत सिंह थिंद ने कहा कि सरकार के अपने ही वरिष्ठ अधिकारी ने इस स्कॉलरशिप घोटाले का पर्दाफाश किया। जिसमें साधु सिंह धर्मसोत का नाम प्रमुखता से लिया गया।
जिसकी रिपोर्ट तक अधिकारियों ने सरकार को भेजी, लेकिन अब कांग्रेस सरकार सीधा कानूनी एक्शन लेने की बजाए मामले को ठंडे बस्ते में डाल रही है।
डाक्टर अमरजीत सिंह थिंद ने कहा कि बीते दिन मामले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर शिअद के वरिष्ठ नेता एच.एस. वालिया व वर्करों द्वारा कांग्रेसी दलित सांसद चौधरी संतोख सिंह के घर के बाहर धरना दिया गया। इस दौरान उन्होने नारेबाजी भी की गई। लेकिन किसी भी कानून का उल्लघन नहीं किया गया।

लेकिन पुलिस ने सरकार के दबाव में एच.एस. वालिया व अन्यों पर केस दर्ज कर दिया। डाक्टर अमरजीत सिंह थिंद ने कहा कि बेहद ही शर्मनाक है कि दलित नेता सांसद चौधरी संतोख सिंह द्वारा इस मामले में खुलकर दलित समाज के हक में बोलने की बजाए उल्टा घर में बैठ गए हैं। सांसद चौधरी संतोख को चाहिए था कि वे दलित छात्रो के हितों की खातिर आवाज उठाते।
डाक्टर थिंद ने कहा कि शिअद शुरू से ही राज्य की जनता और दलित समाज के हितों की खातिर संघर्ष करता रहा है। आगे भी जारी रहेगा।
डाक्टर थिंद ने कहा कि शिअद हमेशा से ही राज्य की जनता और हर एक नागरिक के हितो की रक्षा के लिए संघर्षरत रहा है।
उन्होने कहा कि अकाली दल द्वारा कांग्रेस की हर जन विरोधी नीति के खिलाफ जनता को एकजुट होकर बेनकाब करेंगे।
उन्होने कहा कि स्कॉलरशिप घोटाले के आरोपियों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। इन सभी नेताओं को बेनकाब करने के लिए शिअद द्वारा सी.बी.आई. से जांच की मांग की जा रही है।
डाक्टर थिंद ने कहा कि अकाली नेताओं पर केस दर्ज करने की बजाए स्कॉलरशिप घोटाले की निष्पक्ष जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।