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नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी को लगभग छह महीने हो चुके हैं, लेकिन अब भी स्कूलों को खोले जाने को लेकर कुछ भी साफ नहीं हो पा रहा है। स्कूल खोले जाने का सवाल ऐसा है जिसका जवाब स्कूल, पैरेंट्स और बच्चे सभी खोज रहे हैं।

लेकिन इसी बीच भारत में कोरोना वायरस के 20 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, तब केंद्र सरकार स्कूलों को खोले जाने पर विचार कर रही है।

केंद्र सरकार स्कूल खोलने की बना रही योजना

खबर है कि केंद्र सरकार स्कूलों को सितंबर से खोलने की योजना बना रही है। सरकार सितंबर से नवंबर के बीच चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को खोलने पर विचार कर रही है।

इसके तहत पहले 10वीं से 12वीं के छात्रों के लिए स्कूलों को खोला जाएगा, उसके बाद 6ठीं से 9वीं के लिए स्कूलों को खोलने की योजना है।

योजना के मुताबिक पहले फेज़ में 10वीं से 12वीं के छात्रों को स्कूल आने के लिए कहा जाएगा। अगर स्कूल में चार सेक्शन होंगे, तो एक दिन में सिर्फ दो सेक्शन में पढ़ाई होगी ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा सके।

कई शिफ्ट में चलेंगे स्कूल

इसके अलावा स्कूल की टाइमिंग को भी आधा कर दिया जाएगा। स्कूल टाइमिंग को 5-6 घंटे से घटाकर 2-3 घंटे करने पर विचार चल रहा है। कक्षाएं शिफ्ट में करवाई जाएंगी साथ ही स्कूलों को सैनिटाइज़ करने के लिए भी बीच में एक घंटे का वक्त दिया जाएगा।

इसके अलावा स्कूलों को 33 फीसदी स्कूल स्टाफ और छात्रों के साथ रन किया जाएगा।चर्चा में ये भी पाया गया कि सरकार प्राइमरी और प्री-प्राइमरी स्तर के छात्रों के लिए स्कूलों को खोलना उचित नहीं समझती।

ऐसी स्थिति में ऑनलाइन कक्षाएं ही ठीक हैं। माना जा रहा है इसके संबंध में गाइडलाइन्स को इस महीने के अंत तक नोटिफाई किया जा सकता है। हालांकि, इसके बारे में अंतिम फैसला राज्यों पर छोड़ा जा सकता है।

राज्य के शिक्षा सचिवों को भेजा गया पत्र

राज्य के शिक्षा सचिवों को इस संबंध में पिछले हफ्ते एक पत्र भेजा गया जिसमें पैरेंट्स से स्कूलों को खोले जाने के बारे में फीडबैक लेने को कहा गया था और यह पता करने को कहा गया था कि पैरेंट्स कब तक स्कूलों को चाहते हैं कि खुलें. इस मामले में कई राज्यों ने अपना असेसमेंट भेज दिया है। इसके अनुसार हरियाणा केरल, बिहार, असम और लद्दाख ने अगस्त में राजस्थान, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश ने सितंबर में स्कूलों को खोलने की बात कही है।

पैरेंट्स बच्चों को नहीं भेजना चाहते स्कूल

हालांकि, तमाम पैरेंट्स अभी भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर ऊहापोह की स्थिति में हैं। कुछ दिन पहले भी जब स्कूलों को खोले जाने की बात चली थी तब भी पैरेंट्स ने इसका विरोध किया था। उन्हें लगता है कि इससे उनके बच्चों को स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है।

क्या है दुनिया की स्थिति

वैसे तो सरकार का कहना है कि स्विटज़रलैंड जैसे देश ने स्कूल खोल दिए हैं लेकिन साथ ही यह भी ध्यान देने वाली बात है कि इज़रायल जैसे देश को स्कूलों को खोलने के बाद ही एक महीने के भीतर ही बंद करना पड़ा क्योंकि कोरोना वायरस के मामलों में बहुत तेजी से बढ़ोत्तरी देखी गई।