Prabhat Times

चंडीगढ़। (Senior Hindu leader of Punjab joins BJP) कुछ दिन पहले कांग्रेस को अलविदा कहने वाले वरिष्ठ हिंदू नेता सुनील जाखड़ ने आज नई दिल्ली में भाजपा ज्वाईन कर ली।
भाजपा के वरिष्ठ नेता जे.पी. नड्डा की मौजूदगी में जाखड़ ने भाजपा ज्वाईन करने का ऐलान किया। जे.पी. नड्डा द्वारा सुनील जाखड़ को भाजपा की सदस्यता दिलाते हुए गुलदस्ता भेंट कर पार्टी में स्वागत किया।
चर्चा है कि सुनील जाखड़ को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। ये भी चर्चा है कि सुनील जाखड़ की वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें राज्यसभा सदस्य भी बनाया जा सकता है।
जे.पी. नड्डा ने स्वागत करते हुए कहा कि सुनील जाखड़ एक सशक्त नेता है। पंजाब में कांग्रेस पार्टी में कई बड़ी जिम्मेदारियां निभाई हैं। नड्डा ने कहा कि सुनील जाखड़ ने पार्टी से हट कर अपनी एक अलग छवि बनाई है। किसानों, युवाओं में अपनी अलग छवि बनाई है।
नड्डा ने कहा कि पंजाब में राष्ट्रवादी ताकतों का प्रथम स्थान है वे भाजपा ले रही है। राष्ट्रवादी विचारधारा रखने वाले सभी लोग भाजपा से जुड़ेँ।
पंजाब बार्डर स्टेट है, जो कि पाकिस्तान से जुड़ा है। ड्रग, आतंकवाद, से जुड़े कई मुद्दे हैं। राष्ट्रवादी ताकतों का मजबूत होना पंजाब में आवश्यकता है।
नड्डा ने पंजाब में राष्ट्रवादी सोच रखने वाले अकाली दल कांग्रेस के नेताओं को भी भाजपा ज्वाईन करने के लिए कहा।
सुनील जाखड़ ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री का पार्टी में शामिल होने का अवसर देने के लिए आभार व्यक्त किया। जाखड़ ने कहा कि ये आसान काम नहीं होता। मेरा 50 साल का संबंध है। साल 1972 से लेकर 2022 तक पार्टी को परिवार समझ कर अच्छे बुरे समय में साथ रहे।
मैं समझता हूं कि जिस आत्मियता से खुले दिल से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने आज उन्हें मौका दिया, उसका सबसे बड़ा कारण ये था कि सुनील जाखड़ ने राजनीति को निजी स्वार्थ के लिए काम नहीं किया। किसी को तोड़ने का काम नहीं किया।
जाखड़ ने कहा कि मैं एक ऐसे प्रांत से आता हूं जो गुरूओं पीर पैगम्बरों की धरती है। राष्ट्रीयता तभी पैदा होती है जब राष्ट्रीयता की भावना हो।
जाखड़ ने कहा कि उन्होने कांग्रेस छोड़ी तो कोई व्यक्तिगत झगड़ा नहीं था। पंजाब की भाईचारक सांझ का मुद्दा था। भाईचारा भी ऐसा की ए.के. 47 गोलियां नहीं तोड़ पाई। इतने सालों में कभी द्वेष की भावना पैदा नहीं हुई।
दुःख इस बात का है कि परिवार से नाता तोड़ कर दूसरी जगह आया हूं, कि सुनील को इस बात पर कटघरे में खड़ा किया कि समाज को जाति पाति के आधार पर बांटने की बात कही गई। जाखड़ ने कहा कि सिद्धातों से अलग हो जाएं तो उन्होने ये निर्णय लेना पड़ा।
बता दें कि सुनील जाखड़ की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
जाखड़ ने कुछ दिन पहले ही अनुशासनहीनता का नोटिस मिलने पर कांग्रेस छोड़ दी थी। पार्टी छोड़ने से पहले उन्होंने कांग्रेस को खूब खरी-खोटी भी सुनाई थी।
जाखड़ का परिवार करीब 50 साल कांग्रेस में रहा। इस वक्त उनकी तीसरी पीढ़ी से भतीजे संदीप जाखड़ कांग्रेस के विधायक बने हैं।

हिंदू होने की वजह से CM नहीं बनाया

सुनील जाखड़ ने आरोप लगाया था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को कुर्सी से हटाने के बाद ज्यादातर विधायक उनके पक्ष में थे। इसके बावजूद उन्हें CM नहीं बनाया गया। इसके पीछे की वजह सोनिया गांधी की नजदीकी अंबिका सोनी हैं।
जिन्होंने कहा कि पंजाब में सिख CM ही होना चाहिए। इससे पहले जाखड़ को हटाकर कांग्रेस ने नवजोत सिद्धू को प्रधान बना दिया था। इसके बाद नाराज होकर जाखड़ ने एक्टिव पॉलिटिक्स से किनारा कर लिया था।

कांग्रेस के नोटिस भेजने के बाद हुए आहत

सुनील जाखड़ को कांग्रेस ने अनुशासनहीनता का नोटिस भेजा था। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव से पहले उनके बयानों से पार्टी को बहुत नुकसान हुआ।
हालांकि, जाखड़ ने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया। जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान को उनसे बात करनी चाहिए थी। इसके बजाय उन्हें नोटिस थमा दिया गया।

कांग्रेस पर बड़े आरोप लगा जाखड़ ने छोड़ी पार्टी

सुनील जाखड़ ने कांग्रेस छोड़ने से पहले पार्टी नेताओं पर बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व चापलूसों से घिरा हुआ है। राहुल गांधी फैसले नहीं लेते। उन्हें दोस्त और दुश्मन की पहचान करनी चाहिए।
जाखड़ ने अंबिका सोनी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंजाब में ज्यादातर कांग्रेस इंचार्ज सोनी की ही कठपुतली बनकर काम करते रहे। जाखड़ ने कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर पर भी सवाल उठाए थे।

Subscribe YouTube Channel

Prabhat Times

Click to Join Prabhat Times FB Page

https://www.facebook.com/Prabhattimes14/

Join Telegram

https://t.me/prabhattimes14

ये भी पढ़ें