नई दिल्ली (ब्यूरो): भारतीय स्टेट बैंक अपने ग्राहकों को वर्चुअल कार्ड की सुविधा प्रदान करता है, जो एक लिमिट डेबिट कार्ड है। ऑनलाइन खरीदारी के लिए SBI के इंटरनेट बैंकिंग के जरिए इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। मास्टर/वीजा कार्ड स्वीकार करने वाली किसी भी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर इस कार्ड से खरीदारी की जा सकती है। SBI की वेबसाइट के मुताबिक, रेग्युलर प्लास्टिक कार्ड और इसमें जरा भी फर्क नहीं है। आइए, जानते हैं इस कार्ड की खूबियां।SBI वर्चुअल कार्ड में मर्चैंट को कार्ड की प्राइमरी और अकाउंट डीटेल नहीं दिखता है, जिसकी वजह से किसी भी तरह के फर्जीवाड़े की आशंका नहीं होती। SBI वर्चुअल कार्ड बनने के 48 घंटे तक या ट्रांजैक्शन पूरा होने तक मान्य होता है। SBI वर्चुअल कार्ड ग्राहक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आने वाले वन टाइम पासवर्ड (OTP) के आधार पर बनता है। यही नहीं, ट्रांजैक्शन भी ओटीपी डालने के बाद ही होता है। एसबीआई कस्टमर्स अपने नेटबैंकिंग के जरिए भुगतान कर सकते हैं।
एसबीआई वर्चुअल कार्ड बनाने के लिए न्यूनतम ट्रांजैक्शन वैल्यू 100 रुपये और अधिकतम 50,000 रुपये है। इसके लिए ग्राहकों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता है। एसबीआई वर्चुअल कार्ड का इस्तेमाल उन सभी वेबसाइट्स पर किया जा सकता है, जो मास्टर/वीजा कार्ड से भुगतान स्वीकार करते हैं।एसबीआई वर्चुएल कार्ड एक सिंगल यूज कार्ड है और एक बार सफलतापूर्वक इस्तेमाल के बाद यह बेकार हो जाता है। वर्चुअल कार्ड से रकम तभी कटती है, जब खरीदारी सफलतापूर्वक पूरी हो जाती है। कोई ग्राहक रोजाना चाहे कितनी भी संख्या में वर्चुअल कार्ड बना सकता है। अधिकतम संख्या की कोई सीमा नहीं है।