Prabhat Times
नई दिल्ली। गुजरात के नर्मदा जिले में स्थित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के टिकटों की बिक्री से अर्जित 5.24 करोड़ रुपये की धनराशि के कथित गबन को लेकर रकम एकत्रित करने वाली एजेंसी के कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
उल्लेखनीय है कि देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है और इसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नाम से जाना जाता है.
अक्टूबर 2018 में उद्घाटन के बाद से ही यह पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है.
अधिकारी ने बताया कि नर्मदा जिले के केवडिया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के प्रबंधन ने करीब डेढ़ साल में यह राशि जमा की थी।
राशि नकदी एकत्र करने वाली एजेंसी को दी गई थी जिसकी नियुक्ति वडोदरा स्थित निजी बैंक ने की थी.
उप पुलिस अधीक्षक वाणी दूधत ने कहा कि कुछ कर्मचारियों ने कथित तौर पर 5,24,77,375 रुपये स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्राधिकरण के खाते में जमा नहीं किए हैं.
उन्होंने बताया कि निजी बैंक के प्रबंधक ने सोमवार रात को केवडिया पुलिस थाने में नकदी जमा करने वाली एजेंसी के साथ-साथ अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है.
पुलिस ने मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा-420 (धोखाधड़ी), धारा-406 (विश्वास भंग) और धारा-120बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. हालांकि, अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है.
इस बीच, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्राधिकरण ने बुधवार को कहा कि बैंक ने उसके खाते में 5.24 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं.
प्रबंधन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बयान में कहा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी इस मामले में शामिल नहीं है.
यह बैंक और नकद एकत्र करने वाली एजेंसी के बीच का यह मामला है. बैंक ने पहले ही हमारी राशि खाते में जमा करा दी है.

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