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केंद्र को पंजाब भाजपा नहीं बल्कि सुखबीर बादल गुमराह करते रहे हैं।

बादल परिवार सरकार नहीं, प्राईवेट फर्म चलाते रहे हैं: एडवोकेट अशोक सरीन

चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व डिप्टी सी.एम. तथा शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल (sukhbir singh badal) अब राज्य की जनता के सामने फज़ीहत करवा चुके हैं।
शुरू से ही भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से प्राप्त हुआ सत्ता सुख छिन जाने के बाद अब वे बेफिज़ूल ब्यानबाजी कर के लोगों की नज़र में सच्चा होने की कोशिश कर रहे हैं।
ये तंज भारतीय जनता युवा मोर्चा प्रदेश के उपाध्यक्ष एडवोकेट अशोक सरीन हिक्की ने शिअद प्रधान के उस ब्यान पर कसा जिसमें उन्होने कहा कि अगर बादल साहिब प्रधानमंत्री होते तो किसानों के ये हाल न होते।
अशोक सरीन ने तंज कसते हुए कहा कि अगर वाकई में बादल साहिब प्रधानमंत्री होते तो देश में जनता की सरकार नहीं बल्कि प्राईवेट फर्म होती। क्योंकि बादल साहिब प्रधानमंत्री होते तो सुखबीर बादल, हरसिमरत कौर बादल आदेश प्रताप सिंह कैरों, बिक्रमजीत सिंह मजीठिया और परिवार के सभी अन्य सदस्य मंत्री होते और सर्वविदित है कि ये लोग जनता की सरकार नहीं बल्कि प्राईवेट लिमिटेड फर्म ही होती।
अशोक सरीन ने कहा कि सर्वविदित है कि आज तक अकाली दल ने राज्य में अगर सरकार बनाई है तो सिर्फ और सिर्फ भाजपा की बदौलत।
अगर राज्य के राजनीतिक इतिहास के आंकड़े देखे जाएं तो स्पष्ट होता है कि साल 2007 में अकाली दल 93 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से सिर्फ 43 सीटें जीती। जबकि भाजपा ने सिर्फ 23 सीटों पर चुनाव लड़ा और 19 सीटें जीती।
भारी बहूमत के बावजूद भाजपा ने पंजाब, पंजाबियों तथा हिंदू सिख भाईचारे को प्रमुख रखते हुए अकाली दल का सी.एम. बनाया। और वहीं डिप्टी सी.एम. के पद पर भी अपनी दावेदारी तक छोड़ दी।
अशोक सरीन हिक्की ने कहा कि अगर वाकई में सुखबीर बादल पंजाब और पार्टी हित में होते तो आज अकाली दल के टक्साली नेता जैस रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, सेवा सिंह सेखवां, सुखदेव सिंह ढींढसा, रत्न सिंह अजनाला जैसे वरिष्ठ नेता आज उनके साथ होते।
अशोक सरीन ने कहा कि सुखबीर बादल का कहना है कि भाजपा नेताओं द्वारा राज्य की जमीनी हकीकत से केंद्र सरकार को अवगत नहीं करवाया जा रहा। जबकि सच्चाई ये है कि राज्य की जमीनी हकीकत के बारे में वरिष्ठ भाजपा नेताओं द्वारा समय समय पर हाईकमान को अवगत करवाया जाता रहा है। लेकिन इसके बावजूद कई बार अपने नेताओं द्वारा दी गई फीडबैक को नजरअंदाज़ करके हाईकमान ने हमेशा बादल परिवार से  गठबंधन धर्म निभाया।
सरीन ने कहा कि भाजपा द्वारा तैयार किए गए कृषि बिल किसानों की हित में है। जो ऐतराज किसानों ने दिए, सरकार द्वारा उसमें संशोधन करने को तैयार है।
भाजपा के मंत्री कई राज्यों में किसानों को उनके हितों के बारे में समझाने में कामयाब हो चुके हैं।
परंतु अगर पंजाब की बात करें तो सुखबीर बादल जैसे मौका परस्त राजनीतिज्ञ निजी हितों की खातिर किसानों को गुमराह कर रहे हैं।
लेकिन अब सुखबीर बादल का असली चेहरा सामने आ चुका है। क्योकि देश के गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री सीधे किसानों के संपर्क में है। जल्द ही इसके पॉज़िटिव परिणाम सामने आएंगे।
अशोक सरीन ने कहा कि किसानो के कंधों पर रख कर अपना उल्लु सीधा करने कि कोशिश कर रहे सुखबीर बादल इसलिए परेशान हैं क्योंकि उनका असली चेहरा जनता के सामने आ चुका है।
अशोक सरीन ने कहा कि दूसरों को नसीहत देने वाले सुखबीर बादल को दूसरों को नसीहत देने की बजाए पहले अपनी ‘मंझी थल्ले नज़र मारणी चाहीदी है’।

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