Prabhat Times
जालंधर। एक तरफ जहां हर बड़े अस्पताल में अब जरूरत के मुताबिक ऑक्सीज़न प्लांट इंस्टाल किए जा चुके हैं, वहीं जालंधर का टैगोर अस्पताल (Tagore Hospital) एक मात्र ऐसा अस्पताल हैं जहां इस कोरोना काल के दौरान एक बार भी ऑक्सीज़न की कमी महसूस नहीं हुई। कोरोना मरीज़ों को समय पर ऑक्सीज़न मिलती रही।
ये नतीज़ा है टैगोर अस्पताल अस्पताल के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर डाक्टर विजय महाजन की दूरदर्शी सोच का। ऑक्सीज़न की कमी पूरी करने के लिए जहां अब कई अस्पतालों द्वारा ऑक्सीज़न प्लांट इंस्टॉल किए जा रहे हैं, वही प्लांट टैगोर अस्पताल में लगभग 3 साल पहले ही इंस्टॉल किए जा चुके हैं।
बता दें कि कोरोना काल के दौरान मरीज़ों को दवाईयों से भी ज्यादा ऑक्सीज़न की कमी महसूस हुई। ऑक्सीज़न को लेकर हर तरफ हाहाकार मची रही। ऑक्सीज़न की आपूर्ति के लिए अब सरकार और प्रशासन दिन रात प्रयास कर रहा है।
मरीज़ों को उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए प्रख्यात जालंधर के टैगोर अस्पताल में ऑक्सीज़न प्लांट 3 साल पहले ही इंस्टॉल हो चुके हैं। इस बारे में संपर्क करने पर डाक्टर विजय महाजन ने कहा कि क्या पता था कि ऑक्सीज़न की कभी इतनी किल्लत भी हो सकती है। ऑक्सीज़न की कमी के कारण मरीज़ों की जान भी जा सकती है।
डाक्टर विजय महाजन ने बताया कि उनकी शुरू से ही कोशिश रही है कि मरीज़ को एक ही छत के नीचे सभी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों। इसी सोच के चलते ऑक्सीज़न प्लांट इंस्टॉल किए गए थे। एक सवाल के जवाब में डाक्टर महाजन ने बताया कि ऑक्सीज़न प्लांट में 24 घण्टे में 130 सिलेंडर ऑक्सीज़न फिल करने की क्षमता है।
उन्होनें बताया कि कोरोना काल में उनके अस्पताल में उपचाराधीन किसी भी मरीज को ऑक्सीज़न की किल्लत नहीं होने दी गई। अस्पताल में पहले से ही ऑक्सीज़न प्लांट इंस्टॉल होने का लाभ ये हुआ कि ऑक्सीज़न किल्लत की समस्या नहीं आई। मरीज़ों को जरूरत और समय मुताबिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध रही।
वही ऑक्सीज़न अन्य अस्पतालों में उपचाराधीन मरीज़ों के काम आई। डाक्टर महाजन ने जनता से अपील की है कि कोरोना महामारी को मात देने के लिए सैनीटाईज़र, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग किया जाए।

ये भी पढ़ें