जालंधर (ब्यूरो): एक और जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा देकर देश को निरंतर प्रगति की और ले जाना चाहते हैं, लेकिन आज भी देश में कुछ लोग ऐसे हैं जो उच्च पदों पर बैठ कर सबका साथ तो चाहतें हैं, लेकिन विकास सिर्फ अपने चहेतों का चाहते हैं।

हम बात करने जा रहे हैं इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (IOC) द्वारा पंजाब में पैट्रोल व डीज़ल ढुलाई के लिए निकाले गए टैंडर के बारे में। IOC द्वारा दो दिन पहले अपनी अधिकारिक वेबसाइट पर आने वाले 5 साल के लिए टैंडर निकाला गया है। टैंडर 12 जून से 22 जून के बीच डाले जाएंगे। कार्पोरेशन द्वारा टैंडरिंग की ये रूटीन प्रक्रिया है।

नई पॉलिसी से तबाह हो जाएंगे IOC से जुड़े ट्रांसपोर्टर

लेकिन इस बार ट्रांसपोर्टरों के लिए जो शर्तें रखी गई हैं, उससे राज्य में पिछले कई सालों से IOC के साथ काम कर रहे सैंकड़ो ट्रांसपोर्टर तबाह हो जाएंगे। इस बार कार्पोरेशन द्वारा की गई टेंडर नोटिस के बाद से ट्रांसपोर्टरों में विद्रोह शुरू हो गया है। IOC के साथ काम कर रहे ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि टैंडर में दी गई शर्तों से सैंकड़ो परिवार तबाह हो जाएंगे।

नाम न छापने की शर्त पर ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि पंजाब में जालंधर, संगरूर तथा बठिंडा में टर्मीनल है। जहां से पूरे पंजाब व पड़ौसी राज्यों में पैट्रोल व डीज़ल की सप्लाई होती है। IOC द्वारा पैट्रोल व डीज़ल ढुलाई के लिए छोटे टैंकर और बड़े ट्राले प्रयोग किए जाते हैं। इनमें से ट्रांसपोर्टरों तथा पैट्रोल पम्प डीलरों को काम दिया जाता है। सूत्रों ने बताया कि इस बार टेंडर पोलिसी में सिर्फ जालंधर टर्मीनल पर 90 बड़े ट्राले तथा 37 छोटी गाड़ीयों की डिमांड रखी गई है। जबकि अब से पहले तक 7 ट्राले तथा 163 छोटी गाड़ीयों की डिमांड थी।ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि पुरानी पोलिसी के मुताबिक ट्रांसपोर्टरों द्वारा पिछले समय में नई गाड़ियां बैंक फाईनांस से ली थी। लेकिन अब अचानक पोलिसी बदल जाने के कारण ट्रांसपोर्टर तबाह हो जाएंगे। एक अनुमान है कि IOC की इस शर्त के मुताबिक राज्य में करीब 500 गाड़ी बंद हो जाएगी। जिससे सिर्फ पंजाब में ही 125 करोड़ से अधिक का आर्थिक नुकसान तो होगी ही साथ ही 500 गाड़ियों पर डिपैंडेट एक हज़ार से अधिक परिवार बेरोजगार हो जाएगा।

पोलिसी में बदलाव के कारण छोटे ट्रक रूक जाएंगे। बताने योग्य है कि छोटे ट्रक और किसी ट्रांसपोर्टेशन के काम भी नहीं आ सकते। ऐसी स्थिति में उनकी बैंक किश्त निकालनी भी मुश्किल हो जाएगी।

राज्य एक सरकारी रेट अलग अलग क्यों?

सूत्रों ने बताया कि पोलिसी की मुताबिक जालंधर में पैट्रोल डीज़ल की ढुलाई के लिए दिए जा रहे तय रेटों में भी कटौती की गई है। सवाल ये है कि अगर मंहगाई चारों और बढ़ रही है तो सरकारी रेटों को कम क्यों किया जा रहा है। सिर्फ जालंधर की ही बात करें तो पहले दिए जाने वाले सरकारी रेटों में करीब 20 प्रतिशत कटौती की गई है। जबकि अन्य टर्मीनल संगरूर व बठिंडा में रेट बढ़ाया गया है। राज्य एक और पोलिसी अलग अलग क्यों?

आई.ओ.सी. की पॉलिसी पर सवाल?

सूत्रों ने बताया कि आई.ओ.सी. की इस पॉलिसी से कुछेक ट्रांसपोर्टर को सीधा फायदा मिल रहा है। आरोप है कि आई.ई.सी. की पॉलिसी पहले लीक हो गई। इसका एक उदाहरण ये है कि कुछेक ट्रांसपोर्टरों द्वारा पहले बड़े ट्राले अपनी ट्रांसपोर्ट फ्लीट में जोड़े गए हैं।

पता चला है कि इससे पहले बड़े ट्राले की डिमांड आई.ओ.सी. द्वारा कम की जाती थी। लेकिन अब अचानक डिमांड बड़ा दी गई है। अब से पहले जहां सिर्फ 7 बड़े ट्राले की डिमांड थी वो आज अचानक 90 तक कैसे पहुंच गई? और दूसरा कुछेक खास ट्रांसपोर्टरों द्वारा पहले ही बड़े ट्राले अपनी ट्रांसपोर्ट फ्लीट में एड कर दिए गए?

संगरूर में ट्रांसपोर्टर कर रहे हैं हड़ताल

ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि आई.ओ.सी. की इस पोलिसी के विरोध में संगरूर टर्मीनल पर शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। अगर आई.ओ.सी. ने निष्पक्षता से काम नहीं किया तो ये विरोध प्रदर्शन राज्य के अन्य टर्मीनल जालंधर व बठिंडा में भी होंगे।