Prabhat Times
चंडीगढ़। (punjab government terminate gvk goindwal sahib power purchase agreement) पंजाबवासियों की समस्याएं हल करने की ईरादे से दिन रात काम कर रहे पंजाब के सी.एम. चरणजीत सिंह चन्नी ने एक और बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शनिवार को जीवीके गोइंदवाल साहिब (2×270 मेगावाट) बिजली खरीद समझौते (PPA) को समाप्त करने के पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके बाद, पीएसपीसीएल ने कंपनी को टर्मिनेशन नोटिस जारी कर दिया।
बता दें कि पॉवरकॉम की तरफ से बिजली समझोता रद्द करने के लिए जी.वे.के. को आज शुरूआती तौर पर डिफॉल्ट नोटिस जारी कर दिया है। ये नोटिस का आधार बिजली की ज्यादा दरें और निर्धारित मापदंजो के मुताबिक घटिया कारुगजारी, जी.वी.के. को बिजली की खरीद में एक साल में ज्यादा समय दौरान सिर्फ 25 प्रतिश्त से 30 प्रतिशत तक ही किए जाने का आधार है। जिस कारण बीते साल के लिए 7.52 रूपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली की दरें बढ़ती रहीं।
मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने बातया कि ये कदम राज्य के उपभोक्ताओं के हितों को सुरक्षित बनाने के लिए उठाया गया है। इस फैसले से बिजली की कीमतों का बौझ कम होगा। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक जी.वी.के. की तरफ से पी.एस.पी.सी.एल. के साथ बिजली खरीद समझौते (PPA) करने का मूल आधार पी.एस.पी.सी.एल. को सस्ती बिजली देना था। पीपीए अनुसार जी.वी.के. को एक कोयले की खान का प्रबंध करने की जरूरत थी, पर ये ग्रिड के साछ जुड़ने के 5 सालों को ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद ऐसा करने में असफल रहे।
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक पंजाब राज्य बिजली रैगूलेटरी कमिश्नर की तरफ से 3058 करोड़ रूपए की पुंजी लागत के आधार पर समर्था खर्च तय किए जा रहे हैं। जो कि स्थिर लागत लगभग 1.61 रूपए प्रति यूनिट के बराबर है। प्रवक्ता के मुताबिक ये फैसले के जाकर जीवीके के लगभग 4400 करो़ड रूपए की पूंजी लागत के दावों के आधार 2.50 रूपए प्रति यूनिट की उच्च स्थिर लागत प्राप्त करने के लिए ऐपीलेट ट्ब्यूनल फॉर इलैक्ट्रीसिटी के पास पहुंच की, जिसका फैसला अभी लंबित है।
प्रवक्ता के मुताबिक जीवीके की तरफ से दावों के अनुसार परिवर्तनशील लागत लगभग 4.50 रूपए प्रति यूनिट है तथा स्थिर लागत लगभग 2.50 रूपए प्रति यूनिट है। इस तरह दरों अधी जीवीके के कुल दावों लगभग 7 रूपए प्रति यूनिट निकलता है जो मंहगी बिजली कारण और बढ़ता है। इस लई जीवीके के ईरादा स्पष्ट है कि ये ज्यादा दरों वसूलना चाहती है कि पीपीए का मूल आधार नहीं है। इस कारण पीएसपीसीएल के लिए जीवीके के साथ पीपीए जारी रखना व्यापारिक तौर पर गैर व्यवहारिक है।

ये भी पढ़ें