Prabhat Times
चंडीगढ़। पंजाब में गंभीर बिजली संकट पैदा होने के हालात हैं। राज्‍य में किसानों के रेल रोको आंदोलन के कारण पावर प्‍लांटों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है।
मालगाडि़यों के पंजाब में नहीं चल पाने के कारण कोयले की सप्‍लाई नहीं हो पा रही है।
इससे राज्‍य में प्राइवेट थर्मल पावर प्लांट कोयले की कमी के कारण गंभीर स्थिति में फंस गए हैं। राज्य के लगभग सभी थर्मल प्लांट बंद जैसे ही हालात में हैं।

केंद्रीय ग्रिड से हो रही ही आपूर्ति

जानकारी मिली है कि राज्य के थर्मल प्लांट लगभग बंद हो जाने के कारण अब पॉवरकाम ने 1188 लाख यूनिट बिजली केंद्रीय ग्रिड से खरीदी है। जिससे राज्य में बिजली की सप्लाई पूरी हो रही है।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि राज्य के थर्मल प्लांट के कुल 51 यूनिट हैं। जो आज बंद हो चुके बताए जा रहे हैं।
इन प्लांट के पास जो कोयला बचा है वे सिर्फ एमरजैंसी हालात के लिए स्टोर किया गया है। मौजूदा समय में प्लांट पूरी तरह बंद हैं।

ब्लैक आऊट की संभावना कम

पॉवरकाम द्वारा योजनाबद्ध ढंग से काम किया जा रहा है। बेशक कोयले की कमी के कारण थर्मल प्लांट बंद है, लेकिन विभागीय सूत्रों का कहना है कि पॉवरकाम पहले ही इस स्थिति की तैयारी में है।
राज्य में ब्लैक आउट की संभावना नहीं है। क्योंकि मौजूदा हालात देखते हुए राज्य को केंद्रीय ग्रिड से जोड़ा जा चुका है। जिस कारण ब्लैक आउट नहीं होगा।

किस प्लांट की क्या स्थिति

मानसा के तलवंडी साबो में 1980 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट के पास महज 4128 मीट्रिक टन कोयला ही बचा है। रात को कोयले का यह स्टाक भी खत्म हो जाएगा।
पटियाला के राजपुरा थर्मल प्लांट के पास भी 6643 मीट्रिक टन कोयला बचा है जो कभी भी खत्म हो सकता है। इस प्लांट में भी बिजली उत्पादन बंद हो जाएगा।
बता दें कि कोयले की कमी के कारण गोइंदवाल साहिब प्लांट से पहले ही बंद है।
पावरकाम के स्टेट सेक्टर के रोपड़ थर्मल प्लांट के पास छह दिन के लिए 85 हजार 618 मीट्रिक टन कोयला बचा है।
वहीं, बठिंडा के लहरा मोहब्बत थर्मल में 59 हजार 143 मीट्रिक टन कोयला बचा है जो करीब सवा चार दिन में खत्म हो जाएगा।
पावरकाम के पास यह स्टाक भी इसलिए बचा है, क्योंकि स्टेट सेक्टर के इन थर्मल प्लांटों में बिजली उत्पादन एक हफ्ते से नहीं किया है।