नई दिल्ली (ब्यूरो): भारत में चाइनीज ऐप्स पर बैन लगने के बाद चीन को दोहरा झटका लगने वाला है, क्योंकि अब अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी चीनी ऐप्स को बैन करने की तैयारी में हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि हम टिकटॉक समेत अन्य चीनी ऐप्स को बैन करने पर विचार कर रहे हैं।

इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया भी राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर टिकटॉक समेत कई चाइनीज ऐप्स को बैन करने की तैयारी में है।

ऑस्ट्रेलिया में जहां संसदीय समिति जल्द इस पर अपनी मुहर लगा सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह चीन के लिए बड़ा झटका साबित होगा।

ट्रंप को लेना है आखिरी फैसला

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने कहा, “मैं राष्ट्रपति ट्रंप के सामने ये सब नहीं दिखाना चाहता, लेकिन यह (ऐप) कुछ ऐसा है जिसपर हम विचार कर रहे हैं।

आखिरी फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेना है, लेकिन मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि हम चीनी ऐप्स पर बैन लगाने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।”

विदेश मंत्री ने लोगों को किया आगाह

पोम्पिओ ने कहा, “जहां तक लोगों के फोन में चीनी ऐप होने की बात है तो मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि अमेरिका इस समस्या को भी ठीक कर लेगा।”

साथ ही कहा कि वे इसकी गहराई में नहीं जाना चाहते और राष्ट्रपति की किसी घोषणा से पहले खुद कुछ नहीं कहना चाहते। उन्होंने कहा, “लेकिन हम इसे देख जरूर रहे हैं।”

उन्होंने अमेरिकी लोगों को आगाह किया कि अगर वे अपनी निजी सूचना ‘चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को नहीं सौंपना चाहते’ तो वे टिकटॉक के इस्तेमाल में सावधानी बरतें।

चीनी सोशल मीडिया ऐप पर पोम्पिओ की टिप्पणियां बीजिंग के साथ कई मुद्दों पर द्विपक्षीय संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच आई हैं। इनमें कोरोना वायरस प्रकोप और हांगकांग में लागू किया गया विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का मुद्दा भी शामिल है।

ऑस्ट्रेलिया में भी चाइनीज ऐप्स पर बैन की तैयारी

ऑस्ट्रेलियाई स्ट्रेटजिक पॉलिसी संस्थान के एक्सपर्ट फर्गस रयान ने कहा, टिकटॉक पूरी तरह से प्रोपेगेंडा और मास सर्विलांस के लिए है। इसमें चीन के खिलाफ दिए जाने वाले विचार सेंसर कर दिए जाते हैं।

ऑस्टेलिया के लिबरल सांसद और इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी कमेटी के अध्यक्ष एन्ड्रू हैस्टी ने फरवरी में ही यह दावा किया था कि ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।

उन्होंने कहा कि चीन के इंटेलिजेंस कानून 2017 के मुताबिक, चीन की सरकार कभी भी कंपनियों को जानकारी शेयर करने के लिए भी कह सकती है। ऑस्ट्रेलिया में करीब 16 लाख टिकटॉक यूजर हैं।

ये भी पढ़ें